हल्द्वानी: पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। सभी उम्मीदवारों ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव को लेकर रोजाना कई-कई खबरे सामने आ रही है। इस क्रम में हाईकोर्ट ने चुनाव को देखते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पंचायती राज संशोधन एक्ट को रद्द कर दिया है जिसमें पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले दावेदारों को अयोग्य घोषित किया था। कोर्ट का कहना है कि इस संशोधन एक्ट को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी। इसका मतलब है कि इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। वहीं 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो गुरुवार को सुनाया गया।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह एक्ट बैकडेट से लागू हो रहा है। प्रावधान लागू करने के लिए तीन सौ दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाता है, जो नहीं दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने पंचायत प्रतिनिधियों के पद के लिए हाईस्कूल पास होने की अनिवार्यता को भी चुनौती दी है लेकिन अदालत ने शैक्षिक योग्यता वाले प्रावधान पर कोई टिप्पणी नहीं की है। मतलब शैक्षिक योग्यता को लेकर राज्य सरकार का प्रावधान लागू रहेगा।
बता दें कि सरकार के दो बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों को चुनाव में प्रतिबंधित करने के पंचायत एक्ट के प्रावधान के खिलाफ कोटाबाग के मनोहर लाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख जोत सिंह बिष्ट समेत अन्य ने याचिका दायर की थी।
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने इसी साल 26 जून पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम 2019 को विधानसभा से पारित किया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार पंचायत राज संशोधन बिल लेकर आई थी।
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