देहरादून: कोरोना वायरस से बचने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। बीमारी की चपेट में आने वाले को भाग दौड़ से बचाया जाए, इसके लिए होम आइसोलेशन की भी व्यवस्था शुरू की गई। पहले तो गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसकी इजाज़त नहीं थी लेकिन अब सरकार की ओर से व्यवस्था में बदलाव किया गया है। उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना पॉजिटिव गर्भवती मरीजों को भी होम आइसोलेशन सुविधा देने का फैसला किया है।
इसमें कुछ नियमों का पालन करना होगा। गर्भवती महिला पूरी तरह से स्वस्थ और किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित नहीं होनी चाहिए। वही बच्चे को जन्म देने वाली महिला भी अपने बच्चे के साथ पूरी तरह से स्वस्थ होनी चाहिए, तभी होम आइसोलेशन की इजाजत मिलेगी। प्रदेश सरकार ने गत एक सितंबर को कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग व 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होम आइसोलेशन की सुविधा दे दी गई थी।
क्या है होम आइसोलेशन के नियम
मरीज व केयर टेकर के लिए रहने और बाथरूम की अलग व्यवस्था होनी चाहिए। घर के अन्य लोगों को भी अलग बाथरूम जरूरी है। केयर टेकर को भी नियमानुसार हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा दी जाएगी। होम आइसोलेशन में मरीज व केयर टेकर नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग करेंगे। कोई समस्या होने पर कंट्रोलरूम को जानकारी देनी होगी। अस्पताल से एम्बुलेंस मरीज को लेने घर पर पहुंच जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मरीजों की निगरानी करेगी। मरीज और केयर टेकर को ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा।