देहरादून: मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। जुर्माने की राशि को 10 गुना ज्यादा बढ़ा दिया गया है। देश के कई हिस्सों में इस नियम का विरोध हो रहा है। वहीं चालान के कई मामले में सुर्खियों में बने हुए है। इसके अलावा जुर्माने की राशि के बाद समयसीमा पूरे कर चुके वाहन किसी काम के नहीं रह गए हैं।
राजधानी में आलम ये है कि कोई इन गाड़ियों को नहीं खरीद रहा है और मजबूर होकर वाहन स्वामी कार को कबाड़ में भेज रहे हैं। कबाड़ी की दुकान में कार बेचने वालों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है। इस लिस्ट में राजधानी के कारगी चौक, चंदर नगर और कचहरी क्षेत्र शामिल हैं। वाहन स्वामियों की मानें तो नए नियम के बाद जुर्माने की रकम वाहन की मौजूदा कीमत से ज्यादा है और इसे देखते हुए हमने वाहन को काबाड़ी को बेचना बेहतर है। बता दें कि अधिनियम के अनुसार डीजल वाहन के रजिट्रेशन की अवधि 10 और पेट्रोल वाहन की अवधि 15 साल होती है।
अपना वाहन देने से डर रहे लोग
ट्रैफिक नियम के जुर्माने के बढ़ने के बाद लोग डरे हुए। वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी वाहन देने से इंकार कर रहे हैं। जो जुर्माना पहले 100-200 का होता था वह अब 2000 तक पहुंच गया है। इसके अलावा लोगों को सबसे ज्यादा प्रदूषण पंजीकरण ने परेशान किया हुआ है। हल्द्वानी में दुकानों में लंबी लाइन लगी हुई है। वहीं कई जगह मशीन ही खराब हो गई है।