Uttarakhand News

हरिद्वारः डायलिसिस के समय अचानक पॉवर सप्लाई बंद होने से एक मरीज की मौत


देहरादूनः स्वास्थ्य का अधिकार जनता का सबसे पहला अधिकार होतो है लेकिन शहर में बेहतर सवास्थ्य सेवाओं के अभाव में रोजाना हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य में बीते कुछ दिनों से स्वास्थ्य सेवाऐं चरमरा चुकी हैं। इसके चलते लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कभी डॉक्टर हड़ताल पर चले जा रहें हैं तो कभी अस्पताल के एक्स रे सुविधाऐं ठप हो जा रही हैं तो कभी अस्पताल मशीनें थप पड़ जा रहीं हैं। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार के मेला अस्पताल से सामने आ रहा है जहां डायलिसिस यूनिट में अचानक पॉवर सप्लाई बंद होने से किडनी की बीमारी से पीड़ित दस मरीजों की हालत बिगड़ गई। गंभीर हाल में एक मरीज को जौलीग्रांट रेफर किया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बता दे कि मेला अस्पताल में अप्रैल में डायलिसिस यूनिट शुरू की गई थी। शनिवार की दोपहर को यूनिट की दस मशीनों पर किडनी के मरीजों की डायलिसिस की जा रही थी। अस्पताल क्षेत्र की बिजली बंद हो गई। इसके बाद जनरेटर चलाया गया। करीब दो बजे अचानक से तकनीकी खराबी के कारण जनरेटर बंद हो गया और मशीन बैकअप पर चलने लगी। कुछ ही मिनटों पर मशीन का अलार्म बजने लगा। देखते ही देखते दस मिनट में ही बैकअप खत्म होने लगा।

Join-WhatsApp-Group

बैकअप खत्म होने पर यूनिट के डॉक्टर, तकनीशियनों और नर्स ने डायलिसिस मशीन के पंप चलाकर बाहर निकले ब्लड को शरीर के अंदर पहुंचाया। इसके बाद सभी दस मरीजों की हालत बिगड़ने लगी। एक मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें जौलीग्रांट रेफर कर दिया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि मरीज विजय शर्मा (62) की मेला अस्पताल में ही मौत हो गई थी। विजय शर्मा दस साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। कार्डियकअरेस्ट होने की वजह से उनकी मौत हुई है।

वहीं पीपीपी मोड पर यूनिट चला रहे चंडीगढ़ की संस्था राही केयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक डॉ. शौर्य पयाल का कहना है कि यूनिट में उनकी तरफ से सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। पॉवर सप्लाई प्रभावित होने से यह समस्या खड़ी हुई। उन्होंने एक मरीज की मौत की पुष्टि तो की लेकिन कहा कि यह मौत यूनिट में नहीं हुई है। मामले के बाद मरीजों के परिवारवालों ने जमकर हंगामा मचाया। वहीं मृतक के परिवार में कोहराम मच गया है। हादसे के बाद पता चला है की पीपीपी मोड पर चल रही यूनिट बिना एमडी डॉक्टर और नेफ्रोलॉजिस्ट के चलाई जा रही थी।

pic source- amar ujala

To Top