देहरादून: सोनू सूद एक ऐसा नाम जिसे शायद कोरोना काल और 2020 कभी नहीं भूल पाएंगे। जिसने अपनी सेवा से लोगों को राहत देने के काम शुरू तो लॉकडाउन में किया था लेकिन अब यह उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी चाहत बन गया है। लोगों को मदद के लिए रोजाना समाजसेवी सोनू सूद का नाम सामने आता है। लॉकडाउन के दौरान सोनू की मदद से कई लोग घर पहुंचे थे और कइयों को दूसरी जिंदगी मिली थी। एक बार फिर सोनू का नाम सुर्खियों में हैं। उन्होंने एम्स ऋषिकेश में भर्ती एक महिला मरीज की मदद की है। इस मामले के सामने आने के बाद पूरा सोशल मीडिया एक बार फिर उनकी तारीफों की पुल बांध रहा है।
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एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने बीते डेढ़ साल से पेट में तेज दर्द और उल्टी की गंभीर समस्या से ग्रसित एक 26 वर्षीय महिला के पेट के ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। महिला बिहार की रहने वाली है और सोनू की मदद से ही वह हॉस्पिटल पहुंच पाई। खबर के अनुसार महिला बिहार के आरा जिले की रहने वाली है। सबसे पहले एम्स पटना और उसके बाद दिल्ली एम्स में सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने पाया कि महिला के पेन्क्रियाज में काफी बड़े आकार का ट्यूमर है। इस कारण से महिला करीब 18 महीनों से दर्द झेल रही है। उसे लगातार उल्टी होने की शिकायत थी।
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इलाज में देरी हो रही थी तो इस मामले के बारे में जैसे ही सोनू सूद को पता चला तो उन्होंने इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स से संपर्क साधा। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने महिला रोगी की गहनता से जांच की। एम्स के सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने महिला का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। महिला के सफल ऑपरेशन के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने ट्वीटर और फेसबुक पर एम्स ऋषिकेश का विशेष आभार व्यक्त किया है। जब पटना और दिल्ली एम्स में उक्त महिला के उपचार की व्यवस्था नहीं हो पाई तो ऋषिकेश एम्स ने न केवल महिला की जान बचाई, बल्कि कम समय में उसे ठीक कर डिस्चार्ज भी कर दिया। इसके लिए एक्टर सूद ने निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत सहित ऑपरेशन टीम के विशेषज्ञ चिकित्सकों को थैंक्यू कहा…
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सफल सर्जरी करने वाली टीम में वैस्कुलर सर्जरी के डॉ. मधुर उनियाल, शल्य चिकित्सा के डॉ. अभिषेक अग्रवाल और एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. वाईएस पयाल, डॉ. अजीत कुमार मौजूद थे। डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने जानकारी दी कि महिला का यह ऑपरेशन बिल्कुल भी आसान नहीं था। ऑपरेशन 11 सितंबर को किया गया, जबकि 20 सितंबर को महिला को छुट्टी दे दी गई है।