Uttarakhand: Success Story: Nancy Thapliyal: भारतीय सेना में उत्तराखंड की बेटियों की एंट्री बता रही है कि अब कहावत बदलने का वक्त आ गया है। उत्तराखंड में वर्षों से एक कहावत है कि परिवार का एक बेटा फौज में होगा लेकिन अब इसे परिवार की बेटी भी कह सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड से भारतीय सेना में बेटियों की एंट्री का ग्राफ बढ़ा है। बेटियां अपनी कामयाबी से युवाओं को प्रेरित कर रही हैं।
आज हम श्रीनगर की नैन्सी थपलियाल के बारे में बताएंगे। नैन्सी ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। नैन्सी की उस उपलब्धि पर उनके गृहक्षेत्र में खुशी का माहौल है। नैन्सी के पिता अशोक कुमार थपलियाल ग्रामीण निर्माण विभाग पौड़ी में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हैं। बता दें कि पाबौ ब्लॉक के खातस्यूं पट्टी के श्रीकोट गांव निवासी नैन्सी थपलियाल ने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सीडीएस (कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज) परीक्षा पास की थी। उन्होंने 2022 बैच में 6वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल की थी।
नैन्सी की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल तक की पढ़ाई पौड़ी के सेंट थॉमस कांवेंट स्कूल और इंटर बीआरएमएस से किया। इसके बाद नैन्सी ने दून विवि देहरादून से स्नातक (फिजिक्स ऑनर्स) किया और वो साथ में सीडीएस की तैयारी क रही थी। पिता का कहना है कि नैन्सी ने बचपन से भारतीय सेना का हिस्सा बनने का सपना देखा था। वो स्कूल और कॉलेज की एक मेधावी छात्रा रहीं। सीडीएस में सफलता मिलने के बाद एक साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद नैन्सी भारतीय सेना का हिस्सा बन गई हैं। उन्होंने कहा कि ये परिवार के लिए गर्व की बात है कि बेटी भारतीय सेना में शामिल हो गई है।