देहरादून: राज्य के महाविद्यालय में कोई छात्र कभी भी प्रवेश ले सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ये सुविधा दी जा रही है। वो रोजगार के लिए कुछ वक्त पढ़ाई से दूर रह सकता है और फिर दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकता है। शिक्षा सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि समर्थ पोर्टल में इस तरह के छात्रों के समस्त अभिलेख एवं सूचनाएं अंकित रहेंगी। ऐसा होने से उन्हें पढ़ाई शुरू करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
उत्तराखंड में समर्थ पोर्टल शुरू हो गया है। छात्र के पास सुविधा है कि वह एक बार पंजीकरण कराने के बाद तीन विश्वविद्यालयों से संबद्ध 10 महाविद्यालयों में आवेदन कर सकता है। इससे पहले पहले विश्वविद्यालयों में पृथक पंजीकरण शुल्क एवं निजी महाविद्यालयों में लगभग एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क छात्र को देना पड़ता था।
समर्थ पोर्टल में पंजीकरण के बाद छात्र को एक क्यूआर मिलेगा और लॉगिन कर पूर्ण जानकारी ले सकता है। शिक्षा सचिव ने कहा कि इससे छात्रों का वक्त बचेगा। पहले सूचनाओं के लिए बच्चों को एक से दूसरे महाविद्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन अब लॉगिन के लिए सभी काम हो जाएंगे। छात्र की आईडी में पहचान पत्र, डीजी लॉकर के माध्यम से अभिलेखों की प्रतिलिपि, एबीसी आईडी, ई ग्रंथालय आईडी, मोबाइल एप से उपस्थिति की सूचना उपलब्ध रहेगी।
छात्रों के पास समर्थ लॉगिन के माध्यम से दाखिले के बाद परीक्षा के लिए भी आवेदन करने का भी विकल्प होगा। उन्हें केवल अपने विषय एवं परीक्षा शुल्क का भुगतान करना होगा। पोर्टल में परीक्षा सारिणी, परीक्षा कक्ष, पहचान पत्र, परीक्षाफल के अलावा कई सुविधाएं मौजूद रहेंगी।