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उत्तराखंड:पासिंग आउट परेड में कमांडेंट पत्नी ने किया डिप्टी कमांडेंट पति को सैल्यूट

देहरादून : एक लड़की को उसका पत्नी होने का धर्म उसे बचपन से ही समझा दिया जाता है। जिसे वह बाखूबी शादी के बाद निभाने की कोशिश करती है। एक अच्छी गृहणी का काम घर की देखभाल करना है यही सीखकर लड़कियां अपने ससुराल आती हैं । पति – पत्नी का रिश्ता न केवल सिर्फ साथ निभाने का होता है बल्कि एक दूसरे को आगे बढ़ने की प्रेरणा देना भी होता है । जब समाज अच्छी गृहणी की परिभाषा में औरत के कुछ बनने के सपने को जो़ड़ेगा तो कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जैसे हाल ही में हुए भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस की पासिंग आउट परेड के दौरान एक पति ने अपनी पत्नी को परेड के बीच सैल्यूट किया ।

मसूरी में आईटीबीपी यानी कि इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस की पासिंग आउट परेड का आयोजन अभी कुछ दिन पहले ही हुआ है । परेड में कुछ ऐसे क्षण सामने आए जिसने दर्शकों को भावुक कर दिया । उन्हीं पलों में एक बेहद सुंदर पल देखने को मिला जिसने सभी को भावुक कर दिया । दरअसल डिप्टी कमांडेट डॉ अश्विनी कुमार की पत्नी डॉ पूनम आईटीबीपी की मुख्यधारा में बतौर असिस्टंट कमांडेट शामिल हो गई हैं । परेड के चलते घामाटिया ने अपने पति अश्विनी कुमार को सैल्यूट कर उनका अभिवादन किया , वहीं अश्विनी ने भी अपनी पत्नी को सैल्यूट कर उनका मनोबल बढ़ाया जिसे देख वहां देखने वालो की तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी । डिप्टी कमांडेंट डॉ अश्विनी कुमार की पत्नी डॉ पूनम घामाटिया ने असिस्टेंड कमांडे़ेंट के पोस्ट पर ज्वाइन किया है ।

इसमें कोई शक नहीं की दोनों ही पति पत्नी के जीवन के यह सबसे खूबसूरत पल रहे होगें जहां दोेनों ने ही पूरे सम्मान के साथ एक दूसरे को सलामी दी । इस खास पल को और खास बनाने के लिए उनकी प्यारी सी बे़टी वहां मौजूद थी । पूरे परिवार ने मिलकर के इस दिन का आनंद उठाया । इस मौके पर दोनों के चेहरे पर देश भक्ति के साथ अपनी ड्यूटी के प्रति निष्ठा भी देखने को मिली। आपको बता दे की डॉ पूनम कोरोना के दौरान उन जाबाज़ डाक्टरों में शामिल थी जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन रात अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की सेवा की और आज उसका फल सामने है । कोरोना वॉरियर डॉक्टर पूनम ने अपनी जान रिस्क में डालकर कई मरीजों को जीवनदान दिया और कई परिवारों को बिखरने से बचाया। बीते शनिवार को मसूरी में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में पूनम सहित 38 डॉक्टर कठिन प्रशिक्षण के बाद भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हुए ।

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