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उत्तरकाशी की आरती पंवार ने अपने काम से बनाई पहचान, गांव में बनाया प्लास्टिक का विकल्प


New Startup Idea Developed In Uttarkashi Uttarakhand: जिला मुख्यालय के निकट खरवां गांव की निवासी और रमेश पंवार की बेटी हैं आरती पंवार। जिन्होंने हाल ही में अपने प्रोजेक्ट को लेकर कॉलेज में आयोजित बूट कैंप में प्रजेंटेशन भी दिया। जहाँ आरती ने रिंगाल से उनके द्वारा विकसित की गई नए डिज़ाइन और नए तरीके के उत्पाद बनाने की विधि को विस्तार के साथ समझाया। साथ ही बाज़ारों की आवश्यकता से लेकर स्टार्टअप और इंटरप्रोन्योरशिप तक के विषय में सभी की शंकाओं का समाधान भी किया। प्रेजेंटेशन ख़त्म होने के बाद विशेषज्ञों ने पहाड़ की बेटी के इस अनोखे विचार के साथ-साथ आरती के आत्मविश्वास की भी खूब सराहना की।

पत्रकारों से हुई वार्ता में आरती ने बताया कि उनके द्वारा विकसित विधि द्वारा रिंगाल से बने उत्पादों को उन्होंने सैंपल के रूप में देहरादून भेजा था। जहाँ इन उत्पादों को खूब पसंद किया गया और प्राकृतिक रूप से निर्मित इन उत्पादों की मांग तेज़ी से बढ़ने लगी। एक दम से आरती के उत्पादों को जब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी पसंद किया जाने लगा, और इन उत्पादों की मांग बढ़ी तो आरती ने अपने गांव के पास भराणगांव में रिंगाल से विभिन्न उत्पाद तैयार करने वाले कारीगर रणपाल से संपर्क किया। साथ ही उनके अनुभव के साथ बस कुछ ही दिनों में अपनी विधि को जोड़कर आरती ज़्यादा संख्या में उत्पाद बनाने लगी।

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आरती ने बताया कि इन दिनों कारीगर फल टोकरी, फूलदान, चटाई, कांच के गिलास रखने का कवर, गिफ्ट रैपर, रिंगाल की प्लेट, डस्टबिन जैसे उत्पाद बाजार की मांग के अनुरूप नए और आकर्षक डिजाइन में तैयार कर रहे हैं। रिंगाल की बढ़ती मांगों से पर्यावरण को कम नुकसान होगा साथ ही गांव में ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोगों को काम भी मिलेगा। और पहाड़ों की परंपरा भी इसी माध्यम से जीवित रहेगी।

जहाँ एक तरफ कई परिवार रोजगार की तलाश में गांव छोड़ देते हैं वही पहाड़ की ही एक और प्रतिभावान बेटी ने गांव में ही अपनी कला के माध्यम से रोजगार के नए स्रोत को जीवन दिया है। जिसके लिए उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों, परिवारजनों एवं रोजगार का लाभ ले रहे कारीगरों के साथ पूरे गांव का आशीर्वाद और शुभकामनाएं भी मिल रही है।

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