हल्द्वानी: उत्तराखण्ड की बात कही भी हो तो उसकी शान यानी हल्द्वानी का जिक्र जरूर होता है। हल्द्वानी को उत्तराखण्ड की राजनीति में VIP सीट का दर्जा प्राप्त है ।यही नहीं कुमाऊं द्वार होने के कारण शहर हल्द्वानी राज्य का VIP शहर है। यू तो हल्द्वानी वीआफी शहर की सूची में आता है लेकिन यहां की व्यव्स्था अभी भी वीआईपी नही हुई है। सत्ता में काबिज हुई भाजपा सरकार ने एक उम्मीद तो जगाई है लेकिन अब देखना होगा की सीएम त्रिवेंद्र रावत के हल्द्वानी के लिए निर्माण किया गया VIP मॉडल कब तक फर्श में आता है।
यातायात- शहर की आबादी हर साल बढ़ रही है इसके साथ ही शहर का ट्रैफिक भी सिर दर्द बन गया है। अगर किसी को नैनीताल जाना है तो उसे बाजार के जाम से लड़कर गुजरना पड़ता है । सीएम ने हल्द्वानी को रिंग रोड का तोहफा दे दिया है। इसके अलावा उन्होंने फ्लाईओवर निर्माण की भी बात की है। अगर ये दोनों निर्माण जल्द हो जाते है तो वीआईपी हल्द्वानी वीआईपी सुविधा की ओर आगें बढ़ जाएगा। वही लोगों को ट्रैफिक जाम के सिर दर्द से भी छुकारा मिलेगा।
पार्किग: पार्किंग व्यव्स्था भी भगवान के भरोसे है नही वो भरोसे है मुख्य सड़क के। जीं हा अगर कोई मार्केट गया है और उसे बाइक खड़ी करनी है तो वो मुख्य रोड़ का इस्तेमाल करते है। कुछ देर बाद अगर वो सीपीयू की नजर में आ गए तो उन्हें जुर्माना देना होगा। शहर में पार्किंग व्यवस्था ठीक ना होने के कारण रोड में अतिक्रणण लग जाता है। लोग सड़क पर गाड़ी खड़ी कर देते है जिससे सफर करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर पार्किंग की व्यवस्था ठीक होती है तो लोगों को काफी आराम मिलेगा।
पानी: अब देखिए कितनी विडंबना है कि एक तरफ शहर को वीआईपी का दर्जा दिया है लेकिन लोगों तक पानी हीं नही पहुंच रहा है। लोग टैक्कर मंगवाने के लिए मजबूर हो रहे है। गर्मी में तो ये हालात और खराब हो जाते है। जरूरत है कि वॉटर हारवेस्टिंग जैसी प्रणाली को अपनाया जाए जिससे पानी की कमी पूरी हो। इस बात से कोई मना नहीं कर सकता की बारिश ना होना और सूरज के तेज़ प्रकोप पानी कमी का मुख्य कारण है लेकिन सरकार और प्रशासन को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए आधुनिक आइडिया निकालने होंगे।