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अल्मोड़ा निवासी विवेक जोशी को NDA में मिली कामयाबी, पूरे देश में 10वीं रैंक

अल्मोड़ा: सेना में जाने का सपना लिए उत्तराखंड के बच्चे हमेशा ही प्रदेश का नाम रौशन करते हैं। उत्तराखंड को गौरवान्वित करने की लिस्ट में एक नया नाम रानीखेत के विवेक जोशी (Almora Ranikhet Vivek Joshi NDA 10th Rank) का जुड़ा है। विवेक जोशी ने नेशनल डिफेंस एकेडमी, एनडीए परीक्षा (National Defence Academy Exam Result 2023) में कामयाबी हासिल की है। खुशी की बात तो यह है कि विवेक को पूरे देश में 10वां स्थान प्राप्त हुआ है। पूरे जनपद में विवेक की इस उपलब्धि से जश्न का माहौल है।

एनडीए परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद हमेशा की तरह इस बार भी सभी की नजरें प्रदेश के वाशिंदों पर थीं। उत्तराखंड के बच्चों ने इस बार भी लोगों और अपने परिवारों का भरोसा नहीं तोड़ा। कई बच्चे एनडीए में पास हुए हैं। मूल रूप से अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत में रहने वाले विवेक जोशी ने एनडीए परीक्षा (Vivek Joshi AIR 10 in NDA) में पूरे देश में दसवीं रैंक पाकर सभी का नाम रौशन कर दिया है। विवेक की इस उपलब्धि ने उनके पिता का सपना और परिवार की तपस्या को पूरा किया है।

जानकारी के अनुसार विवेक जोशी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा रानीखेत (Vivek Joshi schooling in Ranikhet) के स्प्रिंग फील्ड स्कूल से ग्रहण की है। इसके उपरांत देश सेवा करने ललक ने विवेक को अलग राह पर जाने को मजबूर किया और वह कक्षा 06 से पढ़ाई के लिए सैनिक स्कूल, घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal Vivek Joshi) आ गए। विवेक ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से ही पूरी की है। गौरतलब है कि विवेक जोशी एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

दरअसल, विवेक जोशी के पिता कमलेश जोशी बतौर नायब सूबेदार कुमाऊं रेजिमेंट (Vivek Joshi Father in Indian Army Kumaon Regiment) में कार्यरत हैं। कहीं ना कहीं, पिता का सेना में होकर देश की सेवा करना भी विवेक की प्रेरणा का कारण बना। वहीं, विवेक की माता प्रभा जोशी एक कुशल गृहिणी हैं। विवेक के दादा कैलाश चंद्र जोशी ग्रामीण डाक सेवा से सेवानिवृत्त हैं और दादी हंसी देवी भी एक गृहिणी हैं।

विवेक की तरह उसका छोटा भाई मोहित जोशी भी बड़े सपने लेकर आर्मी स्कूल रानीखेत (Army school Ranikhet) में पढ़ रहा है। बहरहाल, सफलता की बात करें तो विवेक ने इसका पूरा श्रेय गुरुजनों, माता-पिता, दादा-दादी और परिजनों को दिया है। विवेक का कहना है कि उन्हें सेना में जाने का जज्बा अपने पिता से मिला है। उन्होंने कहा कि, मन में अगर कुछ ठान लिया जाए (Vivek: Everything is possible) तो उसे हासिल किया जा सकता है।

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