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एक बार फिर बजा प्रतिभा का डंका, देवभूमि के लाल का फीफा अंडर-17 विश्नकप में हुआ चयन

हल्द्वानी: उत्तराखण्ड में प्रतिभा तेजी से आगे बढ़ रही है।  क्षेत्र कोई भी क्यों ना हो उत्तराखण्ड का युवा कम संसाधनों के बाद भी अपने सपनों को पंख दे रहा है। महिला क्रिकेट विश्वकप में एकता बिष्ट और मानशी जोशी की कामयाबी का जश्न पूरा प्रदेश मना रहा है। इसी क्रम में एक और खिलाड़ी विदेशों में देश के लिए इतिहास रचने  लिए परिश्रम कर रहा है। इस युवा का नाम है रोहित दानू जो फुटबॉल की दुनिया में अपने नाम के साथ देश को भी एक अलग मुकाम दिलाने की कोशिश में जुटा हुआ है। बागेश्वर के सुरजकुंड निवासी रोहित दानू का चयन फीफा अंडर-17 विश्नकप के लिए हो गया है। उसके अलावा रोहित को भारतीय फुटबॉल टीम के अमेरिका. मेक्सिको और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी चुना गया है।

रोहित दानू का संघर्ष 10 साल की उम्र से शुरू हो गया है।  उन्होंने बताया कि रोहित के लिए अच्छा ये रहा कि परिवार की ओर से उसे पहले से ही सपोर्ट मिलता रहा। पिता प्रताप सिंह दानू और मां गंगा दानू ने अपने बेटे के सपने को पंख देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। एक प्रतिभा को एक पहचना की जरूरत होती है जो रोहित को छोटी उम्र में परिवार से मिली। उसके बाद रोहित का जादू फुटबॉल में चलने लगा। मात्र 13 साल की उम्र में रोहित ने उत्तराखण्ड फुटबॉल टीम में जगह बनाई। अपने पहले ही मैच में उन्होंने अपनी जादुई स्किल का लोहा मनवाया और उन्होंने विदेशों में खेलने का मौका मिलने लगा। अफगानिस्तान, श्रीलंका, ईरान, पाकिस्तान में शानदार खेल की बदौलत रोहित का चयन भारतीय टीम में हो गया। मिस्र टूर्नामेंट में भी रोहित का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक हैट्रिक भी लगाई। रोहित की शानदार फॉर्म के बदौलत भारतीय टीम अंडर 16 टीम प्रतियोगिता जीतने में सफल रही है। रोहित का लगातार अच्छा प्रदर्शन के कारण ही उन्होंने विश्वकप के लिए चुना गया है। बता दे कि  अंडर-17 विश्वकप 6 अक्टूबर 2017 से शुरू होने वाला है।

रोहित के चयन के बाद उनके बड़े भाई हिमांशु दानू ( ताऊ के बेटे) ने बताया कि परिवार में हमेशा से ही फुटबॉल के लिए अलग ही क्रैज रहा है। रोहित की कामयाबी से हमें खुशी है। पूरा परिवार चाहता है कि रोहित अपनी मेहनत से देश को फुटबॉल में एक पहचान दे। रोहित के चयन के बाद पूरे बागेश्वर में जश्न का माहौल है।

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