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तंबाकू के प्रभाव से बचायेगी होम्योपैथिक दवाएं (वीडियो टिप्स)

हल्द्वानी: भारत में युवा पीढ़ी नशे की ओर ज्यादा आकर्षित होती दिख रही है। हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि अब तो जमाना एडवांस हो गया है और एडवांस हो गए हैं नशे करने के तरीके! बीड़ी की जगह सिगरेट ने ले ली है तो हुक्का और चिल्लम की जगह स्मैक, ड्रग्स ने, और खैनी बन गया है गुटखा! वहीं शराब का तो क्या कहना। पहले शराब अमीर लोगों का शौक हुआ करता था तो अब शराब के कई सस्ते वर्जन आम लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गये हैं। ये जानते हुए भी कि तम्बाकू एक धीमा जहर है, जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह में धकेलता रहता है, तब भी लोग बेपरवाह हो कर इसका इस्तेमाल किये जा रहे हैं। वैसे तो देश तमाम बीमारियों के कहर से परेशान है, लेकिन इन सब में तम्बाकू से होने वाली बीमारियां और नुकसान अपनी जड़ें और गहरी करती जा रही हैं। लोग जाने-अनजाने या शौकिया तौर पर तम्बाकू उत्पादों का सेवन करना शुरू करते हैं धीरे धीरे शौक लत में परिवर्तित हो जाता है।

डॉक्टर एनसी पांडे तंबाकू फेफड़ों की कार्यक्षमता को बहुत अधिक प्रभावित करता है। यह फेफड़ों के स्वास्थ्य के अलावा आपके शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि इससे शरीऱ में कई प्रकार की समस्या आने लगती है। उन्होंने इससे बचने के लिए होम्योपैथिक दवाएं बताई। यह दवा तंबाकू छोड़ने की कोशिश करने वालों के लिए भी लाभदायक होगी।

  • Nicotinum (4-4 टेबलेट दिन में तीन बार )
  • Liv T (खाना खाने से पहले 2.5 ml दिन में तीन बार )

नोट दवा लेने से पहले डॉक्टर की टिप्स जरूर देखे

 

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