नई दिल्ली: उरी हमले के बाद भारत सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाली सार्क देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा नहीं लेंगे। विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी देते हुए कहा कि ‘वर्तमान हालात को देखते हुए भारत सरकार इस्लामाबाद में होने वाली सार्क बैठक में हिस्सा नहीं ले सकती।”
मीडिया में विदेश मंत्रालय के हवाले से आ रही खबर के अनुसार भारत ने वर्तमान सार्क प्रमुख नेपाल को इस बात की जानकारी दी है कि बार्डर पर जारी आतंकी हमलों के कारण भारत ने ये फैसला लिया है। भारत ने बिना पाकिस्तान का नाम लेते हुए उस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक सदस्य देश ने ऐसा वातावरण का निर्माण कर दिया है जिसके तहत इस्लामाबाद में सफल बैठक नहीं हो सकती।
भारत हर क्षेत्र में सहयोग करने के लिए तैयार और उत्सुक रहा है लेकिन अगर कोई आतंक का साथ लेगा तो वो देश की सहनशक्ति से बाहर है। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में होने वाली बैठक से भारत के नाम वापस लेने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी सार्क बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। सार्क देशों की अगली बैठक नवंबर, 2016 में होनी है।
उरी हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों के शामिल होने के बाद विदेश मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। भारत के इन आरोपो से पाकिस्तान अपने को बचाने की कोशिश कर रहा है। उसके अनुसार उरी हमले में कोई पाकिस्तानी आतंकी नही है और भारत हमेशा की तरह उसपर इल्जाम थोप रहा है। इसी के मद्देनजर, विदेश मंत्रालय ने आज शाम पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को आज तलब कर उरी हमले में पाकिस्तान आतंकियों के सबूत सौंपे। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात में पाकिस्तान से किसी भी मुद्दे पर बातचीत संभव नहीं है। भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में आई गर्माहाट के पीछे भी पाकिस्तान को दोषी माना जा रहा है।