नई दिल्ली। आपके बच्चे स्कूल तो जाते होंगे। उनका बैग देखकर अधिकतर माता-पिता को लगता होगा कि स्कूल में खूब पढ़ाई हो रही है। इसके साथ ही गृहकार्य से कई को लगता होगा कि उनका बच्चा उन्नती कर रहा है।लेकिन आपकी सोच बिल्कुल भी सही नही है। भारी स्कूल बैग बच्चों की सेहत में असर डालता है वही होमवर्क से उनपर छोटी उम्र से पढाई का दवाब बन जाता है। इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए हुए सीबीएसई ने अपने से जुड़े सभी स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है। सीबीएसई ने छात्रों से टाइम टेबल का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है। एडवाइजरी में कहा गया है कि छात्र हर रोज केवल वो किताबे ले जाए जिनकी स्कूल में आवश्यकता है। ज्यादा किताबों से बच्चों के कंधों में दवाब पड़ता है और बाद में उन्हें इस संबधित परेशानी हो सकती है।
सीबीएसई ने इस विषय में सुझाव दिए हैं कि वे बच्चों को बैग का वजन कम कैसे करे इस बारे में बताए। बोर्ड ने क्लास 1 और 2 के बच्चों को स्कूल बैग नहीं ले जाने की बात कही है साथ ही 1 और 2 के बच्चों को होमवर्क से दूर रखा गया है।
सीबीएसई ने कहा है कि वो स्कूल बैग का सामान्य है या नही उसके के लिए अचानक स्कूल बैग की जांच कर सकते हैं। इसके साथ ही स्कूलों से कहा है कि छोटे छात्रों को अपने होमवर्क और कार्य को पूरा करने के लिए अलग से समय दिया जाए। तमिलनाडु, केरल और दिल्ली जैसे कई राज्यों ने बैग हल्का करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। कई निजी स्कूलों में भी स्मार्ट कक्षाओं और टेबलेट का उपयोग करने को कहा गया है। बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि भारी और अन्य किताबे खरीदने के लिए स्कूल बच्चों पर दवाब नही बना सकता।