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उत्तराखंड की प्रिंसी ने छोटी उम्र में बड़ा जिम्मा उठाया, अच्छे काम के साथ रोजगार भी पाया

देहरादून: महिला सशक्तीकरण का मूल अर्थ उन्हें समान अधिकार देना है। जो अब उन्हें मिलने भी लगे हैं। मगर महिलाओं के स्वास्थ्य को अभी भी हल्के में लिया जाता है। सैनिटरी पैड्स का नाम सुनकर लोग बातें पलट देते हैं। मगर इन अहम बिंदुओं पर चर्चा और महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता होना जरूरी है। उत्तराखंड की एक बेटी प्रिंसी ने छोटी सी उम्र में ही इस दिशा में बड़ा जिम्मा उठाया है।

दरअसल, विकासनगर देहरादून के सेलाकुई के चोई बस्ती निवासी 12वीं की छात्रा प्रिंसी वर्मा ने सैनिटरी पैड्स की सहायता से स्वरोजगार का रास्ता खोज निकाला है। प्रिंसी ने सैनिटरी नैपकिन की यूनिट शुरू की है। अपने साथ साथ 20 वर्षीय प्रिंसी ने अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर दिया है। हालांकि, काम की शुरुआत करना और इसे चलाना कभी आसान नहीं रहा।

प्रिंसी बताती हैं कि स्वरोजगार को शुरू करने के लिए पहली बार लोन के लिए अप्लाई किया तो वो पास नहीं हुआ। जिसके बाद परिवार और शिक्षकों ने साथ दिया और नतीजा ये रहा कि दूसरी बार में लोन पास हो गया। इसके बाद प्रिंसी ने घर पर ही सैनिटरी नैपकिन बनाने का कार्य शुरू कर दिया। वह खुद ही मार्केटिंग भी करती हैं। प्रिंसी इसे बड़ा ब्रांड बनाना चाहती हैं। प्रदेश की बेटी सभी के लिए प्रेरणा है।

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