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उत्तराखंड में सड़कों पर भटकने वाले मासूम की किस्मत खुली, दादा ने बनाया करोड़पति

देहरादून: देवभूमि में सड़कों पर दरबदर भटककर भीख मांगने वाला बच्चा अगर करोड़ों की संपत्ति का मालिक निकल जाए तो क्या आप भरोसा करेंगे ? भरोसा करना मुश्किल जरूर होगा। मगर उत्तराखंड में ऐसा एक मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। पिरान कलियर का एक लड़का जिसके ना पिता हैं ना माता। वो करोड़पति निकला है।

दरअसल, सहारनपुर के पंडोली गांव निवासी इमराना अब से तीन साल पहले साल 2019 में ससुरालवालों से झगड़कर यमुनानगर अपने मायके आई थी। यहां पति नावेद के आने पर उसने अपने आठ साल के बेटे शाहजेब के साथ घर को छोड़ दिया और कलियर में आकर रहने लगी। बता दें कि नावेद खेती करता था। पहले सदमे में नावेद फिर कोरोना से इमराना की मौत हो गई तो बेटा शाहजेब अनाथ हो गया।

इसके बाद उसने कलियर में रहकर चाय आदि की दुकानों पर बर्तन धोने, लोगों से भीख मांगने का काम किया। शाहजेब के छोटे दादा शाह आलम ने अपने पोते व बहू की तलाश शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर एक फोटो भी डाला गया। एक रिश्तेदार ने कलियर में शाहजेब को पहचान लिया और उसने शाह आलम को इस बात की सूचना दी।

जिसके बाद शाह आलम अपने पोते को साथ ले गए। बता दें कि शाहजेब के दादा मो. याकूब हिमाचल में सरकारी शिक्षक रह चुके हैं मगर पोते की तलाश में उन्होंने भी दम तोड़ दिया था। हालांकि, उन्होंने अपनी जमीनें पोते का नाम की हुई है। जिस पर उसका मालिकाना हक है। शाहजेब के नाम गांव में पुश्तैनी मकान और 5 बीघा जमीन है। इसलिए अब शाहजेब करोड़पति बन गया है।

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