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कट्टर हिंदुत्व नहीं है मुद्दा, राष्ट्रवाद और विकसित भारत के मुद्दे पर करेंगे 400 पार?

BJP Strategy for 2024 Loksabha election: Kattar Hindu Politics Style: Loksabha Election 2024:

सबका साथ और सबका विकास कहने वाली मोदी सरकार और भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अलग रणनीति अपना ली है। हिंदुत्व एक ऐसा मुद्दा है जिससे भाजपा ने उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रचंड जीत भी प्राप्त की है साथ ही कई रिकॉर्ड भी तोड़े हैं। हालांकि 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे की जगह राष्ट्रवाद और विकसित भारत के मुद्दे पर लड़ने की सोच रही है। हिंदुत्व और सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए जितने कार्य मोदी सरकार ने किए हैं वे हर भारतीय को स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। राम मंदिर का निर्माण हो, केदारनाथ गर्भगृह का सुंदरीकरण हो, अमरनाथ यात्रा हो, ज्ञानवापी में 32 साल बाद फिरसे पूजा-आरती शुरू होना हो, या सोमनाथ से लेकर रामेश्वरम में पर्यटकों की संख्या में आई बढ़त यह सभी कार्यों से हिन्दू समुदाय अत्यंत खुश है।

लेकिन अपनी पहली सूची में कुछ ऐसे नेताओं का नाम काटना जिनके बयानों से सबका साथ और सबका विकास की विचारधारा समय-समय पर आहत हुई हो एक अलग सन्देश देता है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस लोकसभा चुनाव में 400 पार का एक विशाल लक्ष्य रखा है, 400 सीटों का मतलब है हर राज्य में भाजपा को सीटें मिलना। जहाँ उत्तरप्रदेश में भाजपा सभी 80 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है वहीं केरल में एक सीट पर भी जीत के लिए बहुत परिश्रम और रणनीति में बदलाव की आवश्यकता है। इसीलिए रमेश बिधूड़ी, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और प्रवेश वर्मा का टिकट काट कर भाजपा ने अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक की है। पार्टी जानती है कि अगर पूरे भारत में चुनाव जीतना है तो किसी समुदाय को आहत करने वाले नेताओं के बयान और उसके बाद उन्हें टिकट देने से न उन्हें लाभ मिलेगा और नाही उनकी छवि में सुधार आएगा।

इसलिए दक्षिण भारत के राज्यों में बढ़त बनाने के लिए भाजपा ने आपत्तिजनक बयान देने वाले नेताओं का टिकट काटकर एक साफ़ सन्देश दिया है। पिछले कुछ महीनों में उत्तराखंड की धामी सरकार ने UCC भी विधानसभा से पास करवा लिया था और कयास लगाया जा रहा था कि अब केंद्र सरकार भी UCC बिल किसी भी समय सदन में प्रस्तुत कर सकती है लेकिन मोदी सरकार ने अभी इस बिल की जगह 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना को भी भाजपा ने सामाजिक अन्याय और महिला अत्याचार का रूप देकर प्रखरता के साथ अपनी बात सामने रखी। भाजपा की नई रणनीति और मोदी सरकार के विकास के नाम पर 400 सीटें लाना भाजपा के लिए आसान होता है या इन सभी राज्यों में भाजपा को और मेहनत करनी पड़ती है यह आने वाले समय में साफ़ होगा।

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