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पहाड़ की संस्कृति को अमेरिका ने दिया बड़ा सम्मान, चमोली को विश्वभर में मिला 16वां स्थान

Photo - eUttaranchal & Social media

चमोली: हमारे पहाड़ों की सभ्यता और यहां की संस्कृति देखते ही बनती है। सतयुग से चली आ रही मान्यताओं के आधार पर उत्तराखंड को देवभूमि का नाम दिया गया है। उत्तराखंड राज्य वाकई में अतुल्य भारत का एक शानदार उदाहरण है। पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड का कोई सानी नहीं है। इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिली है।

दरअसल न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीते वर्ष नवंबर में एक सर्वे किया था। जिसके आधार पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने 9 जनवरी को एक रैंकिंग जारी की। यह रैंकिंग विश्व के 52 पर्यटन स्थलों की है। रैंकिंग देने के आधार सभ्यता से लेकर व्यंजन, पर्यटन आदि कई सारी चीजों को बनाया गया था। इसमें उत्तराखंड के चमोली के पहाड़ी प्रोजेक्ट को 16वां स्थान मिला है। यह देश में एकमात्र स्थल है, जिसे यह गौरव हासिल हुआ है।

मूल रूप से चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक स्थित ग्राम गुनियाला निवासी पूनम रावत हाना फेनवे फेयर ट्रेवल्स संस्था की संचालक हैं। वह वर्तमान में जर्मनी में रह रही हैं। लेकिन अपने पहाड़ों से पूनम को खासा लगाव है। वह यहां की प्राकृतिक सुंदरता व संस्कृति के प्रचार प्रसार में लगी हुई है। इसी दिशा में पूनम काम कर रही हैं। उन्होंने स्थानीय महिलाओं व युवाओं को रोजगार देने के लिए चमोली के कोटेश्वर में ईको रिट्रीट एंड फॉर्म स्टे का निर्माण भी शुरू करवाया है।

पूनम रावत ने जानकारी दी और बताया कि जर्मनी में वह ट्रेवल काउंसलर का कार्य करती हैं। हालांकि उत्तराखंड से होने की वजह से वहां के स्थानीय लोगों के लिए यह कार्य निशुल्क कर रही हैं। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क टाइम्स के द्वारा किए गए सर्वे में 52 पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया गया था। इसमें न्यूयॉर्क टाइम्स ने स्थानीय व्यंजन, संस्कृति, ट्रैकिंग, योगा, मेडिटेशन, प्राकृतिक खेती, बर्ड वाचिंग, वन्य जीवन व एंग्लिंग के साथ ग्रामीण जीवन, परंपरागत हस्तशिल्प आदि को स्थान दिया।

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