हल्द्वानी: अपने देश को छोड़िए, अब विदेशों तक में हमारे युवाओं को कम नहीं आंका जा रहा है। अब उत्तराखंड की सुंदरता ही नहीं बल्कि, यहां की कलाएं, शिक्षा आदि विदेशों में बढ़ चढ़ कर प्रदेश का नाम रौशन करने का काम कर रही हैं। अल्मोड़ा के मूल निवासी और हल्द्वानी के रहने वाले चंद्रशेखर पाटनी तो फेसबुक जैसी विख्यात कंपनी में अपना लोहा मनवा रहे हैं।
अगर हम चंद्रशेखर पाटनी की ज़िंदगी को एक टक देखें तो, हमें समझ आ जाएगा की पढ़ाई लिखाई के क्षेत्र में भी हमारे यहां के लोग कितना आगे निकल चुके हैं। चंद्रशेखर पाटनी आइआइटी मुंबई से पढ़े हुए हैं। इससे पहले उन्होंने हल्द्वानी के सरस्वती शिशु मंदिर से प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद जीआइसी अल्मोड़ा में भी पढ़ाई की है।
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बहरहाल पाटनी अब संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थिति सिलिकान वैली में स्थित फेसबुक के दफ्तर में सीनियर कंसल्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि फेसबुक के दफ्तर में काम करने से पहले उन्होंने अपनी एक कंपनी भी स्थापित की थी। जिसमें लगभग 300 लोग काम करते थे।
वैसे तो चंद्रशेखर पाटनी का मूल घर अल्मोड़ा जिले के पनुवानौला के समीप तोली गांव में हुआ। मगर पिता खीमानंद पाटनी ट्रक चला कर परिवार का पेट पालते थे, जिस कारण परिवार को हल्द्वानी आकर ही बसना पड़ा।
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आपको जानकर खुशी होगी कि चंद्रशेखर पाटनी हर साल अमेरिका से यहां आते हैं तो अपने गांव और शहर के समस्त समाज सेवी कार्यों में जुट जाते हैं तथा सहयोग करते हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय भीमताल परिसर के निदेशक प्रो. पीसी कविदयाल ने बताया कि 2017 में पाटनी छात्रों को इंटरनेट मीडिया के बारे में ज्ञान देने भीमताल भी आए थे।
इसके अलावा भी वे छात्रों के विकास से किसी ना किसी तरह से जुड़े रहते हैं। गर्व होता है जब उत्तराखंड का कोई होनहार युवक इतना सफल हो जाए। अधिक गर्व होता है जब वो चंद्रशेखर पाटनी की तरह अपनी जड़ों को ना भूले।
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