पंतनगर: ताइवान से आयातित प्रजाति का कश्मीरी एप्पल बेर प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। ऊधमसिंह नगर के किच्छा के ग्राम नजीमाबाद में इसकी खेती भी शुरू हो गई है। इसके लिए किसान को पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी द्वारा सहयोग किया गया है। कश्मीरी एप्पल बेर की पहली फसल मार्च में पूरी होने जा रही है। कश्मीरी एप्पल की पहली फसल को देख किसान भी उत्साहित है।
ग्राम नजीबाबाद के नारायण सिंह बताते है कि ताइवानी प्रजाति के एप्पल बेर की बागवानी से किसान कम लागत पर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। मौजूदा समय में बाजार में इस प्रजाति के बेर की कीमत 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। एक एकड़ में किसान इस फसल से तीन से चार लाख रुपये तक मुनाफा कमा सकता है।
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दरअसल विदेशी प्रजाति के बेर की खेती महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बंगाल, केरल आदि राज्यों में होती है। नारायण ने इसकी सफल खेती करके प्रदेश के अन्य किसानों को इसकी खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बीते मार्च में पंतनगर किसान मेले में पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी से एक एकड़ जमीन के लिए 450 कश्मीरी एप्पल के पौधे लिए थे। पौधों का रोपण करने के आठ माह के भीतर पौधे पांच से छह फुट के होने के साथ फलों से लद गए। फसल तैयार होने में अभी डेढ़ माह का समय बचा है। लेकिन खेत में खड़े पौधों में लगे फलों को खरीदने के लिए क्षेत्र के व्यापारी अभी से मनमाने दाम देने को तैयार हैं।
किसान के पास अभी तक 45 रुपये प्रति किलोग्राम तक के प्रस्ताव आ चुके हैं। हालांकि अप्रैल 2020 में पौध का रोपण करने के बाद महज 8 महीनों में ताइवान प्रजाति के बेर के पेड़ में फ्रूट लदालद लगने लगे है। अभी एप्पल बेर को पकने में तीन माह का वक्त बचा है। बता दें शुगर फ्री व विटामिन सी से भरपूर इस बेर का अधिकतम वजन 70 ग्राम तक होता है। इसके लिए प्राकृतिक बारिश के अलावा अन्य सिंचाई और उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है। इसके पत्तों और डालियों में कांटे नहीं होते हैं।
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