देहरादून: पिछले कुछ वक्त से राज्य में बुजुर्ग के साथ अपराधिक घटनाएं हुई है। देहरादून में मामलों की संख्या ज्यादा है और इसे लेकर पुलिस गंभीर है। बुजुर्गों पर लगातार हमले इसलिए भी हो रहे हैं क्योंकि वह अकेले रहते हैं। बुजुर्गों व्यक्तियों की सबसे बड़ी समस्या होती है उपेक्षा और अकेलेपन की पीड़ा। कई घरों में बुजुर्गों के लिए सुविधाओं की कमी नहीं होती, लेकिन वह परिवार को लोगों के बिना ही रहते हैं। सालों से कई अभिभावक अकेले रहते हैं। कई बार अकेला पन मानसिक बीमारी की शक्ल ले लेता है।
हरिद्वार में बुजुर्ग दंपती की हत्या की वारदात ने समाज से लेकर पुलिस तक को बड़ा सबक दिया है। देहरादून पुलिस बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर एक नई योजना बना रही है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने कहा है कि सभी थानेदार अपने क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्ग व्यक्तियों की सूची तैयार करें। उनसे नियमित अंतराल पर संवाद भी करते रहेंगे। उनकी मदद करेंगे, जिससे समाज मे यह संदेश जाए कि वह अकेले नहीं, बल्कि पुलिस उनके साथ है।
अब पुलिस इन बातों का रखेंगी ध्यान
प्रत्येक थाना प्रभारी को थाने के सीनियर सिटीजन रजिस्टर को अपडेट करते हुए सीनियर सिटिजन से लगातार संपर्क बनाए रखेंगे।
थाने की सभी चीता को प्रत्येक दिन अपने अपने एरिया के बुजुर्ग व्यक्तियों को चिह्नित करेगी। अगर वह अकेले निवास कर रहे हैं तो उनका संपर्क नंबर लेकर उनसे लगातार संपर्क करते रहेंगे।
वरिष्ठ नागरिक यदि आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो उन्हें अपने यहां सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे।
हरिद्वार में एक बुजुर्ग दंपती की घर में घुसकर हत्या करने से शांति एवं कानून वयवस्था प्रभावित हुई है। इसके दृष्टिगत जनपद में भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है।
अपने-अपने एरिया में सभी बुजुर्गों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार कर उनको सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाएं।