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उत्तराखंड में गर्मी ने किया लोगों को परेशान, हिल स्टेशन मुक्तेश्वर में तापमान पहुंचा 28 डिग्री

Uttrakhand weather update:- उत्तराखंड में बीते दिन, शुक्रवार को कड़ी धूप ने लोगों के पसीने छुटा दिए। दिन भर जहां मतदान के दौरान लोग तेज धूप से निपटते नजर आए, वहीं शाम होते ही प्रदेश की राजधानी दून समेत अन्य जगहों में मौसम ने करवट बदल ली। प्रदश के कई इलाकों में तेज हवाएं, तो कहीं बौछारें पड़ने लगी।ऋषिकेश क्षेत्र में शाम को झमाझम वर्षा हुई। इसके अलावा मसूरी में भी हल्की वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार आज प्रदेश के कुछ इलाकों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। साथ ही कहीं-कहीं हल्की वर्षा के भी आसार हैं।

दून में शुक्रवार की सुबह से आसमान साफ नजर आया और चटख धूप खिली रही। चिलचिलाती धूप के कारण दून में गर्मी चरम पर पहुंच गई। दून का अधिकतम तापमान इस सीजन में पहली बार 38 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया, जो कि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। हालांकि, शाम को देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में मौसम ने करवट बदली और तेज हवाएं चलने लगीं।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज प्रदेश में कहीं-कहीं मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में हल्की वर्षा हो सकती है। दून में भी आंशिक बादल छाए रहने के आसार हैं।

प्रदेश में तापमान की स्थिति

देहरादून:– अधिकतम 37.8, न्यूनतम 22.4

ऊधमसिंह नगर:– अधिकतम 38.3, न्यूनतम 20.2

मुक्तेश्वर:– अधिकतम 28.0, न्यूनतम 11.8

नई टिहरी:– अधिकतम 27.3, न्यूनतम 13.5

बदलते मौसम ने बड़ाई किसानों की परेशानी

प्रदेश के निचले इलाकों में शुक्रवार को दिनभर रही तेज धूप ने लोगों को गर्मी का एहसास कराया। लेकिन, दोपहर ढलने के साथ आसमान में छाए बादलों से मौसम का मिजाज बदल गया। इस दौरान हवा चलने और बूंदाबांदी होने से क्षेत्रवासियों को गर्मी से राहत मिली।उधर, बूंदाबांदी ने गेहूं की कटाई में लगे किसानों की परेशानी को भी बढ़ा दिया है। शुक्रवार सुबह से ही निकली तेज धूप ने लोगों को खूब हलकान किया। शाम को चली तेज हवा और बूंदाबांदी ने मौसम को नरम तो किया, लेकिन गेहूं की कटाई कर रहे किसानों की टेंशन को भी बढा दिया।बता दिया जाए कि फिलहाल खेतों में गेहूं की कटाई का काम वृहद स्तर पर चल रहा है। खेतों से कटाई व गेहूं निकालने की प्रक्रिया में किसान उलझा हुआ है। लेकिन इस तरह मौसम का उतार चढ़ाव किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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