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हल्द्वानी फतेहपुर जंगल में जाने पर होगी कार्रवाई, वन विभाग ने हमलावर बाघ के डर से लिया फैसला

हल्द्वानी: फतेहपुर रेंज के जंगल में हमलावर बाघ अब तक नहीं मिल सका है। वन विभाग के सारे पैंतरे अब तक विफल रहे हैं। अब वन विभाग ने इसी कड़ी में बड़ा फैसला लिया है। बता दें वन विभाग ने कहा है कि आबादी से सटे 10 किलोमीटर दायरे के जंगल में लोगों के घुसने पर वन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा। डीएफओ रामनगर के निर्देश पर रेंजर के द्वारा भी आदेश जारी कर दिया गया है।

दरअसल दमुवाढूंगा, ब्यूराखाम टंगर, बजुनिया हल्दु और पनियाली के चार लोगों को गुलदार और बाघ ने दिसंबर से लेकर फरवरी तक अपना शिकार बनाया है। इसमें एक व्यक्ति की जान गुलदार तो तीन व्यक्तियों की जान बाघ के हमले से हुई है। पनियाली निवासी जानकी देवी की मौत के बाद लोगों में दहशत का माहौल है तो उसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी बढ़ गया है।

बता दें कि 4 मौतों के बाद वन विभाग ने सक्रियता बढ़ाई। मगर अब तक हमलावर बाघ को पकड़ने में विभाग को सफलता नहीं मिल सकी है। विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए जंगल में 50 ट्रैप कैमरे लगाए। साथ ही पिंजरे का जाल बिछाया गया। एक बार तो कैमरे में बाघ कैद भी हुआ। लेकिन इस पर अफसरों का मानना है कि घने जंगल की फोटो में बाघ दूसरा भी हो सकता है।

ऐसे में वन विभाग ने आदेश जारी किया है और कहा है कि फतेहपुर रेंज के काठगोदाम दमुवाढूंगा, पनियाली, बजुनिया हल्दु, गांधी आश्रम और फतेहपुर से सटे जंगलों को संवेदनशील जोन घोषित किया गया है। लोगों से जंगल में ना जाने की अपील की गई है। बता दें कि अभी तक लकड़ी और चारा लेने के लिए ग्रामीण जंगल में जा रहे हैं। ऐसे में लगातार खतरा बना हुआ है।

अब कोई भी व्यक्ति जंगल में जाता है तो वन विभाग उसके खिलाफ मुकदमा करेगा। फतेहपुर के रेंजर केएल आर्य ने जानकारी दी और बताया कि शुक्रवार को भी टीम बाघ की तलाश में गई थी। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब अपील के बावजूद भी लोग जंगल में जा रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब तक हमलावर बाघ नहीं पकड़ा जाता। तब तक खतरा बना हुआ है।

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