हल्द्वानी: भगवान के घर देर है मगर अंधेर नहीं है। करीब ढाई साल बाद छह साल की मासूम को इंसाफ मिला है। बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोप में बुज़ुर्ग को 20 साल कैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है। साथ ही पीड़िता को निर्भया फंड से एक लाख रुपए का मुआवज़ा दिलवाने के लिए न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेशित कर दिया है।
शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी से मिली जानकारी के अनुसार मुखानी थाने में उक्त मामला 30 अक्टूबर 2018 को दर्ज हुआ था। बिठोरिया नंबर एक निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर सौंपी थी। जिसमें उसने पड़ोस में रहने वाले 60 वर्ष के बुज़ुर्ग पर गंभीर आरोप लगाए थे।
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शिकायती पत्र में बताया था कि पड़ोस में रहने वाला बुज़ुर्ग 29 अक्टूबर की शाम करीब आठ बजे के आसपास उनकी 6 साल की बेटी को गोदी में उठाकर छत पर चला गया। जहां उसने मासूम के साथ गलत काम किया। इस बात की जानकारी बेटी ने मां को दी। तब परिजनों ने मुखानी थाने में केस दर्ज किया।
जानकारी के अनुसार मुखानी थाना पुलिस ने इस मामले में बुजुर्ग के विरुद्ध धारा 376 व 5(ग)/6 पाक्सो अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद यह केस विशेष न्यायाधीश पाक्सो अर्चना सागर की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने नौ गवाह पेश किए। शासकीय अधिवक्ता ने जानकारी दी कि गुरुवार को न्यायालय ने इस मामले में बुजुर्ग को मासूम बच्ची से दुष्कर्म का दोषी ठहराया है। उसे 20 साल कैद और 10 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा दी गई है।
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