हल्द्वानी: शहर में जल संकट का खड़ा हो जाना अब मामूली सी बात हो गई है। पिछले कई समय से हमने देखा है कि जल संबंधी समस्याएं काले बादल बनकर शहर और आसपास के इलाकों के ऊपर मंडराते रहती हैं। एक बार फिर हल्द्वानी में जल संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल शहर के पांच और ग्रामीण इलाके का एक नलकूप फुंक गया है। आपको बता दें कि इससे 15 हज़ार से अधिक लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। हालांकि जल संस्थान टैंकर भेजकर जल संकट से प्रभावित इलाकों में पानी की व्यवस्था कर रहा है। मगर देखना होगा कि इस संकट का स्थाई इलाज कब तक निकल कर आता है।
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जल संस्थान परिसर, आवास विकास, नवीन मंडी, गैर वैशाली (बिठौरिया नंबर 1) और जयदेवपुर का नलकूप खराब है। जल संस्थान परिसर के नलकूप को फिल्टर प्लांट की लाइन से जोड़ा गया है। जिससे की लाइन में पानी का प्रेशर बढ़ाया जाता है और टेल के इलाकों तक पानी पहुंचाया जाता है। अगर आवास विकास की बात करें तो वहां के नलकूप से पूरे आवास विकास क्षेत्र, मंडी नलकूप से मंडी और तल्ली हल्द्वानी व जयदेवपुर नलकूप से आरटीओ रोड की सभी कॉलोनियों में पानी की सप्लाई होती है।
इधर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बताया कि जल संस्थान पेयजल प्रभावित इलाकों में टैंकरों से पानी भेजकर व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 1 फरवरी तक सभी नलकूपों को ठीक कर जलापूर्ति को शुरू कर दिया जाएगा।
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अगर टैंकरों की बात करें तो जल संस्थान परिसर स्थित नलकूप से टैंकर भी भरे जाते हैं। ऐसे में नलकूप के खराब होने से टैंकरों को शीशमहल फिल्टर प्लांट जाकर पानी भरना पड़ रहा है। इसकी वजह से टैंकरों को पानी भरकर लाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। जिसके बाद उन्हें पानी ले जाकर कॉलोनियों में पहुंचाने में भी खासा समय लग जा रहा है।
इधर बचीनगर के ग्राम प्रधान प्रेम रावत ने जानकारी दी उन्होंने बताया कि बचीनगर पेयजल योजना के नाम से बने नलकूप से बचीनगर के अलावा कमलुआगांजा मेहता गांव में पानी की पूर्ति होती है। अब क्योंकि नलकूप खराब हैं, इसलिए दोनों गांवों के सैकड़ों परिवारों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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