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नैनीताल जिले में अमीर खा रहे हैं गरीबों का राशन, गांव से ज्यादा गरीब हैं शहर के लोग

हल्द्वानी: राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के बाद पूर्ति विभाग लगातार गरीबों का हक मारने वालों के खिलाफ सख्त ले रहा है। विभाग का हर एक अपडेट ऐसे लोगों को डराता है जिन्होंने गलती की है। कुछ वक्त पहले आय अधिक होने के बाद भी राशन लेने वाले ग्राहकों को चिन्हित किया गया था।

विभाग दफ्तर में कार्रवाई से बचने के लिए लोग अपने कार्ड सरेंडर करा रहे थे। विभाग की ओर से 498 राशन कार्ड निरस्त किए थे, इसमें 153 राशन कार्ड धारक खुद आकर अपना कार्ड सरेंडर कर गए थे और अभी भी ये सिलसिला जारी है। अब विभाग की ओर से कुछ नए आंकड़े जारी किए गए हैं जो बता रहे हैं नैनीताल जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों से ज्यादा शहरी लोग गरीब हैं।

साल 2020 में नैनीताल जिले के ग्रामीण इलाकों में 69,063 सफेद राशनकार्ड धारक थे। उनकी संख्या में 4 हजार 122 की बढ़ोतरी हुई है। अब सफेद कार्ड धारकों की संख्या 73,185 हो गई है। दूसरी ओर से शहर में पिछले एक साल में 5 हजार 410 कार्ड बने हैं। कुल ग्राहकों की संख्या 30,578 हो गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में कुल 14,052 लाल राशनकार्ड धारक थे, जो एक साल के भीतर बढ़कर 14097 हो गए, कुल 45 अंत्योदय परिवार बढ़े हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में पिछले एक साल में 171 राशन कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है और कुल संख्या 1659 है।

पूरे जिले के आंकड़े पर नजर डाला जाए तो 2020 में नैनीताल जिले में 94,231 सफेद राशन कार्ड धारक थे, जो एक साल में बढ़कर 1,03,763 हुए हैं। एक साल में एक साल में भीतर 9 हजार 532 लोग इस श्रेणी में आए हैं। वहीं लाल राशन कार्ड धारक बीते वर्ष 2020 में नैनीताल जिले में 15540 परिवार अंत्योदय जो गरीबी रेखा से नीचे थे, वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर 15,756 हो गए। इसके अलावा 2020 में 1,06,333 पीले राशनकार्ड धारक थे, जो एक साल के भीतर बढ़कर 1,99,790 हो गए।

गरीबों के राशन पर हक जमाने वालों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नोटिस भेजने का काम शुरू हो गया है। विभाग जांच में सामने आया है कि व्यापार से जुड़े लोगों के पास भी सफेद कार्ड है। पूर्ति निरीक्षक हल्द्वानी रवि सनवाल ने साफ किया कि जिन लोगों ने ऐसा किया है वो दफ्तर में कार्ड जमा करा लें। विभाग गलती सुधार का मौका दे रहा है। गलत दस्तावेज देकर कार्ड बनाने वालों को नोटिस दिया जा रहा है और जवाब नहीं आने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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