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पहली बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे हरक सिंह रावत…बड़ी तैयारी में कांग्रेस!

देहरादून: साल 2002 के बाद से प्रदेश में विधानसभा चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा आज तक नहीं हुआ कि हरक सिंह रावत चुनावी मैदान पर ना उतरे। लेकिन इस बार ऐसा होने जा रहा है। जी हां, उत्तराखंड बनने के बाद पहली बार हरक सिंह रावत चुनाव नहीं लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस बड़ी तैयारी में है। लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें कांग्रेस किसी सीट से लड़ा सकती है।

बता दें सबसे पहले 2002 के विधानसभा चुनावों में हरक सिंह रावत ने लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2007 में दोबारा से लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा सदन तक का रास्ता तय किया था। कांग्रेस के हरक सिंह रावत ने साल 2012 में रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और यहां से भी उन्हें जीत हासिल हुई।

हालांकि साल 2017 से पहले उत्तराखंड में हुए चुनावी समीकरण में हरक सिंह रावत ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। हरक सिंह रावत को इस सीट से भी जीत मिली। लेकिन साल 2022 में वह चुनाव नहीं लड़ने वाले। गौरतलब है कि चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित किया था। माना जा रहा था कि हरक सिंह रावत चौबट्टाखाल या डोईवाला सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन तीसरी और अंतिम सूची में भी कांग्रेस ने हरक सिंह रावत का नाम घोषित नहीं किया। हालांकि उनकी पुत्रवधू को लैंसडौन से टिकट दे दिया गया। टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा भी नहीं थी।

हरक सिंह रावत ने कहा कि भाजपा में रहने के दौरान भी मैंने केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि मुझे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना है। बता दें कि अब माना जा रहा है कि कांग्रेस हरक सिंह रावत को 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। इसके अलावा परिस्थितियां ठीक रही तो कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है। बताया जा रहा है कि इस मामले में हरक सिंह रावत की कांग्रेस हाईकमान से बातचीत हो गई है।

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