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दांतों को लेकर कोई भी प्रयोग नहीं करें… डॉक्टर सीमा नेगी फर्त्याल की टिप्स पर डाले नजर


हल्द्वानी: कई लोगों का मानना है कि दांतों की सफाई के बाद दांत कमजोर पड़ जाते हैं, मसूड़ों से खून आने लग जाता है और दांत और मसूड़े दोनों खराब होने लगते हैं दांतों में ठंडा गरम लगने लगता है दांत हिलने लगते हैं आदि। रामा डेंटल केयर (निकट हनुमान मंदिर कुसुमखेड़ा) डॉक्टर सीमा नेगी फर्त्याल ने कहा कि यह बात सही नहीं है। दांतों की सफाई दांतों के बीच प्लाक, कैलकुलस और स्टेंस ( जो कि ब्रश करने के बाद भी नहीं निकलता है) को हटाने के लिए होती है ताकि दांत और मसूड़ों की बीमारी को रोका जा सके।

अगर मसूड़ों से खून आ रहा है या मुँह से बदबू आ रही है यह तब होता है जब दांत और मसूड़ों की सफाई अच्छे से नहीं हो रही हो। यह मसूड़ों की बीमारी का संकेत है दांतों की सफाई(scaling) से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। डॉक्टर सीमा ने कहा कि सफाई के बाद डॉक्टर द्वारा दिया गया पेस्ट, माउथ वॉश का उपयोग करें।

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सफाई के बाद दांतों में झंझनाहट की शिकायत या दांत हिलने लगते हैं- जब आपके मुँह में जमा कैलकुलस व प्लाक को हटा दिया जाता है तो दांत की परत सीधे हवा, पानी के सम्पर्क में आते हैं जिस वजह से दांत सेंसिटिव हो जाते हैं यह सामान्य है यह समस्या 1-2 हफ्ते के भीतर दूर हो जाती है।

उन्होंने बताया कि कैलकुलस और प्लाक अंदर ही अंदर मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुँचाते हैं जिस कारण पाईरिया शुरू हो जाता है। यह बात सच है की हर 6 महीने से 1 साल के अंतराल में दांतों की सफाई करानी चाहिए। अगर आप सही तरीके से ब्रश और मुँह की सफाई करते हैं तो दांत लंबे समय तक साफ तो रहेंगे लेकिन यह गलत है कि आपके दांत जीवन भर साफ ही रहेंगे। हमारे रोज की दिनचर्या, खाने की आदतों के साथ साथ दांतों की नियमित सफाई भी जरूरी है।

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