देहरादून: सेना में पहले केवल पुरुषों के एकाधिकार वाला क्षेत्र समझा जाता था लेकिन समय के साथ ही जहां लोगों की सोच बदल रही है, वहीं देश के सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन का परिणाम है कि आज सेना के दरवाजों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया है। इसके फलस्वरूप अब उत्तराखंड की बेटियां भी भारतीय सेना का हिस्सा बनने लगी है।
ग्राफिक एरा की छात्रा हिमानी बिष्ट ने विश्वविद्यालय और राज्य का नाम रोशन किया है। आइटी सेक्टर में विश्व की दो बेहतरीन कंपनियों में नौकरी का ऑफर छोड़कर देशसेवा की राह चुनने वाली हिमानी ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में देश में पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने यह स्थान एनसीसी स्पेशल वुमेन कैटेगरी में हासिल किया।
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हिमानी बिष्ट अल्मोड़ा जिले के जैंती गांव की रहने वाली हैं। उनके परिवार में माता पिता और दो भाई बहन है। हिमानी की पढ़ाई आर्मी स्कूल से हुई है। बचपन से ही उन्होंने सेना का हिस्सा बनने का सपना देखा था और काफी पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी।
उनके पिता भी सेना से रिटायर्ड है और मौजूदा वक्त में वह देहरादून में सर्वे ऑफ इंडिया में कार्यरत है। इनके अलावा उनकी माता एक ग्रहणी है। हिमानी ने ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से बीएससी आईआईटी चुना फिर वर्ष 2018-20 में उन्होंने इसी यूनिवर्सिटी से एमसीएस किया। उन्होंने एनसीसी-सी सर्टिफिकेट से ए ग्रेड भी हासिल किया था,जिसके कारण उन्हें एनसीसी स्पेशल वुमेन कैटेगरी में यह स्थान मिला है।
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