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ट्रेन लेट होने की शिकायत के बाद रेलवे यात्री को देगा 30 हजार रुपए जुर्माना

ट्रेन लेट होने की शिकायत के बाद रेलवे यात्री को देगा 30 हजार रुपए जुर्माना

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे को एक यात्री की शिकायत भारी पड़ गई। दरअसल ट्रेन लेट होने के कारण एक परिवार को साल 2016 में नुकसान उठाना पड़ा था। उनकी फ्लाइट इस कारण छूट गई थी। इसका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे पर तीस हजार रुपये जुर्माना लगाया है।

गौरतलब है कि ट्रेन लेट होने के कारण यात्रियों को भी भारी मुश्किलें झेलनी पड़ती है। कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो इस बाबत एक्शन लेने का फैसला करते हैं। ऐसा ही एक मामला अलवर जिले का है। दरअसल अलवर निवासी संजय शुक्ला की शिकायत पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत के आदेशों को मान्यता देते हुए उक्त फैसला लिया गया है।

बता दें कि 11 जून 2016 को संजय शुक्ला अपने परिवार सहित अजमेर-जम्मू एक्सप्रेस से जम्मू जा रहे थे। ट्रेन सुबह आठ बजकर दस मिनट की बजाय दोपहर 11 बजे जम्मू पहुंची। जबकि परिवार को बारह बजे की फ्लाइट से श्रीनगर उड़ान भरनी थी। जहां पहले से ही होटल की बुकिंग हो रखी थी।

अब ऐसे में ट्रेन लेट होने के कारण परिवार की फ्लाइट छूट गई और 15 हजार रुपए खर्च कर उन्हें टैक्सी से श्रीनगर जाना पड़ा। इसी मामले में संजय शुक्ला ने अलवर जिला अदालत में याचिका दायर की थी। जिसमें अदालत ने रेलवे को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही परिवार के खर्च हुए रुपए के साथ पांच हजार रुपये मानसिक तनाव और मुकदमा खर्च के रूप में अदा करने का आदेश उत्तर पश्चिम रेलवे को दिया।

तब राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने भी इसे उचित बताते हुए मंजूर किया। इसके बाद रेलवे ने गलती नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के फैसले को चुनौती दी। रेलवे की तरफ से दलील दी गई कि ट्रेन लेट होना रेलवे की जिम्मेदारी नहीं है।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए दलील को सही नहीं ठहराया और रेलवे को जुर्माना भरने का आदेश पारित कर दिया। रेलवे को अब तीस हजार रुपये जुर्माना और उस पर 9 फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान पीड़ित यात्री परिवार को अदा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यात्री का समय भी अनमोल होता है। बिना कारण ट्रेन लेट होना गैर जिम्मेदारी है।

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