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Class First Admission: New Age Rule For School Admission: Handicapped Students Admission Update:
राष्ट्रीय शिक्षा नीती के अंतर्गत पाठ्यक्रमों के अलावा विद्यार्थीयों की प्रवेश आयु में भी बदलाव किया गया है। इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दें कि अब कक्षा 1 में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थीयों का 6 वर्ष का होना अनिवार्य है। इस बदलाव की जानकारी साझा करते हुए शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने बुधवार को उत्तराखण्ड निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियमावली की अधिसूचना जारी की। इस नियमावली के अंतर्गत कक्षा एक में प्रवेश लेने वाले छात्रों की आयु की स्पष्ट जानकारी दी गई है।
प्री-स्कूल के छात्रों की शिक्षा पर नहीं पड़ेगा असर
बता दें कि आने वाले समय में यह व्यवस्था प्री स्कूल (नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी) कक्षाओं के लिए भी लागू की जाएगी। इस अधिसूचना में दिव्यांग बच्चों के लिए प्रवेश प्रक्रिया की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। साथ ही बताया गया है कि जिन छात्रों ने अभी प्री स्कूल में प्रवेश ले लिया है, उनकी शिक्षा पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी प्री-स्कूल में एडमिशन ले चुके सभी विद्यार्थीयों को कक्षा एक में प्रवेश की अनुमति पहले के वर्षों की भांति दी जाएगी। उनकी आयु के कारण उनकी शिक्षा में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
18 वर्ष तक पूरी होगी शिक्षा
आने वाले वर्षों में प्री स्कूल के छात्रों के लिए भी आयु सीमा निर्धारित की जाएगी। आयु सीमा का निर्धरण कुछ इस प्रकार किया जाएगा जिससे कक्षा एक में प्रवेश लेते हुए छात्र की आयु 6 वर्ष हो। दिव्यांग बच्चों के प्रवेश पर भी शिक्षा सचिव ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिव्यांग छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया सभी विद्यालयों में कुछ इस प्रकार अपनाइ जाएगी जिससे नियूनतम 18 वर्षों तक उनकी प्रारंभिक शिक्षा निर्बाध रूप से पूरी हो सके। इस नीति के अंतर्गत 6 वर्ष की आयु में कक्षा 1 में प्रवेश लेने वाले छात्रों की इंटरमीडिएट तक की शिक्षा भी 18 वर्ष तक पूरी हो जाएगी।
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