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नैनीताल सीट पर सब इधर से उधर, दल बदलकर चुनाव लड़ने जा रहे ये उम्मीदवार

नैनीताल: राजनीति में कुछ भी होना नई बात नहीं है। हां, आम जनमानस के लिए कई बार दलबदल की प्रक्रिया को देखना काफी अजीबोगरीब हो जाता है। लेकिन राजनीति से जुड़े लोगों को इस बात से फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी हर किसी की अपनी मंशाऐं होती हैं। उत्तराखंड की राजनीति में हमेशा से ही उथल पुथल मची रहती है। खासकर विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की राजनीति गर्म हो जाती है।

प्रदेश में दलबदली का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। नैनीताल विधानसभा सीट की बात करें तो इस बार 3 उम्मीदवार ऐसे हैं जो दल बदल कर चुनाव लड़ रहे हैं। साफ शब्दों में कहें तो सब इधर से उधर हो गया है। दरअसल जो पहले भाजपा में थे अब वह कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए हैं। जिन्होंने कांग्रेस से दावेदारी की, अब उन्हें भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है दोनों पार्टियों के बीच में आम आदमी पार्टी ने भी बड़े दांव खेले हैं। मामला बड़ा रोचक है, आईए नजर डालते हैं…

संजीव आर्य (कांग्रेस प्रत्याशी, नैनीताल)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने नैनीताल विधानसभा सीट से संजीव आर्य को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें संजीव आर्य साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर नैनीताल से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। बीते साल अक्टूबर में संजीव आर्य अपने पिता पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब कांग्रेस ने उन्हें नैनीताल से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

सरिता आर्य (भाजपा प्रत्याशी, नैनीताल)

भारतीय जनता पार्टी ने नैनीताल विधानसभा सीट से सरिता आर्य को टिकट दिया है। सरिता आर्य कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। बता दें महिला कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही सरिता आर्य यह भांप गई थी कि पार्टी भाजपा से आए 2017 के विधायक संजीव आर्य को ही टिकट देगी। इसलिए वह भाजपा में शामिल हो गईं। पार्टी में शामिल होने के 3 दिन बाद ही भाजपा ने उन्हें नैनीताल से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

हेम आर्य (आप प्रत्याशी, नैनीताल)

आम आदमी पार्टी ने नैनीताल विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बदला है। पार्टी ने भुवन आर्य की जगह हेम आर्य को टिकट दिया है। बता दें हेम आर्य जनवरी के पहले सप्ताह में कांग्रेस से भाजपा में आए थे। अब उन्होंने नामांकन के आखिरी दिन आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली। बता दें भाजपा के सरिता आर्य को टिकट देने के बाद हेम आर्य नाराज हो गए थे। उनका कहना था कि जनता के कहने पर उन्हें चुनाव लड़ना था। इसलिए आम आदमी पार्टी ज्वाइन की।

उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के इस समर में हर पार्टी और हर नेता कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। कोई रणनीति के तौर पर दूसरे दल में शामिल हुआ है, कोई जनता के कहने पर चुनाव लड़ रहा है तो किसी नेता को नाराजगी पार्टी से दूर ले गई। हालांकि उक्त समीकरण तो नैनीताल सीट के हैं, मगर पूरे उत्तराखंड में हमेशा से चुनाव का इतिहास ऐसा ही रहा है। देखना दिलचस्प होगा इस बार जनता का मूड कैसा रहता है।

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