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नैनीताल आने से डर रहे हैं सैलानी,बुकिंग कैंसल होने का सिलसिला शुरू


नैनीताल: कोरोना के बढ़ते कदमों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अप्रैल की एसओपी ने पर्यटन व्यवसायियों को खासा मुश्किलों में डाल दिया है। जहां पहले तक नैनीताल में इस महीने के लिए बुकिंग फुल के करीब चल रही थी। वहीं एसओपी जारी होने के बाद इसमें तीस फीसदी गिरावट आ गई। सैलानी डर के चक्कर से नैनीताल आना सही नहीं समझ रहे।

मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए एसओपी जारी की जो कि एक अप्रैल यानी कि आज से लागू हो गई। इन्हीं गाइडलाइन्स को जारी करने के लिए नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बुधवार को सभी अधिकारियों को आदेशित कर दिया था।

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आदेशों के मुताबिक अब 12 राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वालों की बॉर्डर पर चेकिंग की जाएगी। उन्हें अपने साथ 72 घंटे पहले की कोविड-19 रिपोर्ट भी लानी होगी। इसे लेकर पर्यटकों में असमंजस है और वे बगैर इसके यहां आने में हिचक रहे हैं।

अब हुआ यह कि दिशानिर्देश जारी होते ही तीस फीसदी होटल बुकिंग निरस्त हो गई। उत्तर भारतीय होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के बोर्ड सदस्य होटल शेवरॉन के मालिक प्रवीण शर्मा के अनुसार अप्रैल में सामान्य बुकिंग के अलावा डेस्टिनेशन वेडिंग की भारी बुकिंग आई थीं। तीस फीसदी बुकिंग आज ही निरस्त हो गई है।

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कारोबारियों को भविष्य का संकट नज़र आ रहा है। उनका कहना है कि बीते वर्ष तो कर्जा लेकर काम चलाया मगर इस बार भी ऐसा ही हुआ तो वे बर्बाद हो जाएंगे। प्रसिद्ध होटल मनु महारानी के जीएम नरेश गुप्ता ने बताया कि 22 कमरे खोलने के बाद पहले ही हफ्ते में तीस फीसदी बुकिंग निरस्त हो गई। होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन नैनीताल के पदाधिकारी अल्का होटल के वेद साह का भी कहना यही है कि पर्यटक बुकिंग कैंसल करा रहे हैं। साथ ही सैलानी आने वाले महीनों को लेकर भी आशंकित हैं।

व्यवसायियों का मानना है कि सरकार बॉर्डर में चेकिंग बढ़ा दे और संक्रमित पाए जाने पर प्रवेश न दे लेकिन 72 घंटे की रिपोर्ट लाने की अपनी सलाह हटाए। साथ ही जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं उनके लिए भी कोई छूट न होने से भी व्यवसायी और पर्यटकों में असमंजस और आशंका है। ऐसे में जहां इस महीने की छुट्टियों को लेकर कारोबारी उम्मीद लगाए बैठे थे वहीं अब कोरोना के कारण वे परेशान हुए बैठे हैं।

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