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जोशीमठ भूधंसाव मामला, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई PIL

देहरादून: जोशीमठ भूधंसाव का मामले की पूरे देश में चर्चा हो रही है। सरकार ने लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाना शुरू कर दिया है कि क्योंकि घरों में दरारे पड़ी है। जोशीमठ मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में पीआइएल दाखिल की है।

जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव के कारण 800 से ज्‍यादा भवनों में दरारें आ चुकी हैं। शनिवार को मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने प्रभावित जोशीमठ का दौरा किया। जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव के चलते 109 परिवार शिफ्ट हो चुके हैं, जिसमें से 49 परिवारों को प्रशासन ने राहत शिविरों में ठहराया है। खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ तैनात कर दी गई है, ताकि आपात स्थिति में तत्काल राहत कार्य शुरू किए जा सकें। इससे पहले सीएम धामी ने इस मामले पर हाईलेवल बैठक की थी और कहा था कि लोगों की जान बचाना सबसे ज्यादा अहम है।

सरकार ने जोशीमठ में विशेषज्ञों की आठ सदस्यीय टीम अध्ययन के लिए भेजी है। उत्तराखंड समेत पूरा देश जोशीमठ के लिए प्रार्थना कर रहा है। कई लोगों के वीडियो सामने आए हैं जो अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं को  भूधंसाव का कारण बताया है। अधिवक्ता परमेश्वर नाथ मिश्र ने याचिका में कहा है कि भू धंसाव की जद में ढाई हजार साल से भी ज्यादा प्राचीन मठ भी आ गया है। पूरा क्षेत्र इससे दहशत में है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इसके लिए त्वरित उपाय क्रियान्वित करने का आदेश जारी करे।सरकार को आदेश दे कि फौरन कार्रवाई की जाये।

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