Youth Motivation: Success Story:
वो कहते हैं ना कि ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते हैं फिर सफलता क्या चीज है। रायपुर से एक शख्स ने अपनी कड़ी मेहनत, संकल्प और आत्मविश्वास से चपरासी की नौकरी से लेकर राज्य लोकसेवा आयोग (सी.जी.पी.एस.सी.) की परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का सपना सच किया। शैलेंद्र कुमार बांधे की कहानी हर उस युवा के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहता है। शैलेंद्र ने सी.जी.पी.एस.सी.-2023 परीक्षा में सामान्य श्रेणी में तीसरी रैंक और आरक्षित श्रेणी में दूसरी रैंक प्राप्त की, जिससे न सिर्फ उनके परिवार को गर्व हुआ, बल्कि पूरे राज्य में उनके संघर्ष और समर्पण की सराहना हो रही है।
परिवार की आर्थिक स्थिति से लड़कर बने अधिकारी
शैलेंद्र का परिवार बिलासपुर जिले के एक छोटे से गांव से आता है, और आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था। यही कारण था कि शैलेंद्र को अपने परिवार की मदद के लिए चपरासी की नौकरी करनी पड़ी। लेकिन उन्होंने इस नौकरी को एक साधन समझा, ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और अपने सपने को साकार कर सकें। शैलेंद्र ने इस दौरान यह सीखा कि किसी भी पद की गरिमा होती है, चाहे वह चपरासी हो या डिप्टी कलेक्टर, हर काम को पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से करना चाहिए।
चुनौतियों के बावजूद कभी नहीं हारे
शैलेंद्र ने पहले चार प्रयासों में सफलता नहीं पाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा, “मैंने समझा कि निरंतर प्रयास से ही सफलता मिल सकती है।” उनका यह जज्बा और संघर्ष हमें यह सिखाता है कि जब तक आप लगातार प्रयास करते रहें, सफलता दूर नहीं होती। पांचवें प्रयास में शैलेंद्र को वह सफलता मिली, जिसकी उन्होंने कड़ी मेहनत से तैयारी की थी।
परिवार का समर्थन और मजबूत संकल्प
शैलेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे कभी अपने सपनों के पीछे दौड़ने से नहीं रोका, उनका समर्थन मेरे लिए सबसे बड़ा संबल रहा।”
युवाओं के लिए प्रेरणा
शैलेंद्र कुमार बांधे की यात्रा हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर उद्देश्य स्पष्ट हो और मेहनत की ताकत हो, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनका संघर्ष यह बताता है कि कठिनाइयों का सामना करने के बाद मिली सफलता सबसे मीठी होती है। शैलेंद्र की सफलता युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है, और यह साबित कर देती है कि अगर आप संकल्पित हैं, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।