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पिथौरागढ़ की शीतल राज ने 15 अगस्त के दिन एल्ब्रुस पर फहराया तिरंगा, पूरे देश में फोटो वायरल

पिथौरागढ़ की शीतल राज ने माउंट एवरेस्ट के बाद एल्ब्रुस फतह कर बनाया रिकॉर्ड, टैक्सी चलाते हैं पिता

पिथौरागढ़: जब महिलाएं अपनी शक्ति से वाकिफ हो जाती हैं तो उन्हें रोकना नामुमकिन हो जाता है। रोकना चाहिए भी नहीं। अगर इन्हें रोक लिया गया तो हमें कभी कोई शीतल राज नहीं मिलेगी। जी हां, पिथौरागढ़ की शीतल राज ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस फतह कर इतिहास रच दिया है।

गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली शीतल पिथौरागढ़ में रहती हैं। शीतल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत को गर्व के पल दिए हैं। सबसे कम उम्र में कंचनजंगा और अन्नपूर्णा चोटी को फतह कर चुकी 25 वर्षीय शीतल ने अब यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराया है।

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बता दें कि शीतल ने पूर्व में माउंट एवरेस्ट को भी सफलतापूर्वक फतह किया हुआ है। फिलहाल वक्त में कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत शीतल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे भारत को खुश होने का मौका दिया है। इस मौके पर केएमवीएन के एमडी नरेंद्र सिंह भंडारी और महाप्रबंधक एपी बाजपेई ने शीतल के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए खुशी जाहिर की है।

जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को समिट करने के उद्देश्य से टीम ने प्लान बनाया मगर कोरोना के चलते फ्लाइट लेट हो गई। तीन दिन की देरी से मास्को पहुंची टीम ने 13 अगस्त को 3600 मीटर में अपना बेस कैंप बनाया। 14 अगस्त से समिट शुरू कर 15 अगस्त दोपहर एक बजे एल्ब्रुस की चोटी पर टीम ने तिरंगा लहराया।

यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाने वाली टीम में चार लोग शामिल थे। क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की ओर से आयोजित इस टीम को शीतल ही लीड कर रही थीं। शीतल ने बताया कि 48 घंटे के अंदर बेस कैंप से समिट करना बहुत ही मुश्किल था।

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बता दें कि शीतल और उसकी टीम द्वारा उत्तराखंड के हिमालय में पर्याप्त ट्रेनिंग करने का ही नतीजा था की आरोहण सफल रहा। एल्ब्रुस की बात करें तो ये एक सुप्त ज्वालामुखी है, जो कॉकस क्षेत्र की कॉकस पर्वत शृंखला में स्थित है। इसके दो शिखर हैं, पश्चिमी शिखर 5642 मीटर यानी 18590 फिट ऊंचा है। पूर्वी शिखर उससे कम 5621 मीटर यानी 18442 फिट ऊंचा है।

शीतल राज गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता उमाशंकर राज टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह टैक्सी चलाकर महीने में किसी तरह छह-सात हजार रुपए कमा पाते हैं। मगर उन्होंने बेटी के सपनों को कभी भी आगे बढ़ाने से नहीं रोका। शीतल का सहयोग कई संस्थाओ ने किया है। शीतल दुनिया की 14 सबसे ऊंची आठ हजार मीटर ऊंचे पर्वत और दुनिया के सातों महाद्वीपों की ऊंची चोटियों पर देश का झंडा फहराना है।

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