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सांसद अजय भट्ट नैनीताल सीट से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव,करियर का पहला चुनाव लॉटरी ने हराया था

Loksabha Election: Ajay Bhatt: BJP: Nainital: 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने लगातार दूसरी बार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व अध्यक्ष पर इसलिए जोर दिया गया क्योंकि वो अजय भट्ट ही थे, जिन्होंने 2017 में उत्तराखंड को भाजपा का गढ़ बना दिया था। विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा के खाते में 57 सीट आई थी और उसका श्रेय भट्ट को ही दिया जाता है। भट्ट को उस साल रानीखेत विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन भाजपा को जीत दिलाने में वो सफल हुए थे और पार्टी में उनका कद भी बढ़ा था। 2019 में भट्ट लोकसभा चुनाव जीते हैं और उन्हें बाद में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया।

अजय भट्ट के राजनीतिक जीवन पर एक नजर

उत्तराखंड में भाजपा के कुनबे को मजबूत करने वाले अजय भट्ट का राजनीतिक करियर भी एक ड्रामे के साथ शुरू हुआ था। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार अजय भट्ट ने सबसे पहले साल 1989 में नगर पंचायत द्वाराहाट में पार्टी के ही वरिष्ठ नेता प्यारे लाल साह के खिलाफ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। दोनों को बराबर वोट मिले लेकिन लॉटरी में भट्ट को हार का सामना करना पड़ा। चुनावों के परिणामों ने भट्ट तो मानसिक रूप से मजबूत करने का काम किया। इसके बाद वो पूरे तरीके से राजनीति में उतर गए। उन्होंने द्वाराहाट को छोड़ रानीखेत को अपना राजनीतिक होमग्राउंड बना दिया।

अजय भट्ट की शिक्षा

अजय भट्ट ने प्राइमरी पाठशाला आगर (द्वाराहाट), हाईस्कूल पिथौरागढ़ से, इंटरमीडिएट रानीखेत, स्नातक व विधि की शिक्षा अल्मोड़ा से हासिल की।

अजय के सिर पर थी घर की जिम्मेदारी

पहाड़ के हर घर की तरह ही अजय भट्ट ने भी घर को सवारने का काम किया। पिता कमलपति भट्ट का जब निधन हुआ, तब अजय भट्ट छात्र थे। इसके बाद उन्होंने संघर्षों का सामना किया। अजय भट्ट ने मेलों में दुकानें लगा पढ़ाई का खर्चा निकाला। द्वाराहाट में सब्जी की दुकान चलाई। फिर अल्मोड़ा से एलएलबी किया। 1985 में वह भाजयुमो से जुड़ गए और यहां से उन्होंने अपने राजनैतिक कौशल से पूरे देश में पहचान बनाई। 1985 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के नेतृत्व ने उन्हें कार्यकारणी सदस्य बनाया। 1986 में पुष्पा भट्ट के साथ विवाह हुआ।

साल 1996 में अजय भट्ट पहली बार विधायक चुन कर उप्र विधानसभा पहुंचे। नवगठित उत्तराखंड में स्वास्थ्य मंत्री रहे। 2012-17 में वह नेता प्रतिपक्ष रहे। इससे पूर्व 2015 में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। अजय भट्ट ने दोनों पद बखूबी संभाले। 2017 में भाजपा के पक्ष में प्रचंड लहर होने के बावजूद विधानसभा चुनाव हार गए। मगर पार्टी में साख बरकरार रही। नतीजतन, 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ नैनीताल सीट से मैदान में उतारा। तब अजय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3,39,096 वोटों से मात दी थी। इसके कुछ वर्षों के बाद उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। वो मौजूदा वक्त में पर्यटन और रक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अजय भट्ट कई बार मंचों से कह चुके हैं कि भाजपा उत्तराखंड में लगातार तीसरी बार 5-0 करेगी। देखना होगा कि 2024 के नतीजे भाजपा और भट्ट के भविष्य को किस दिशा में ले जाते हैं।

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