Uttar Pradesh

पिता जोड़ते हैं पंचर और मां करती है सिलाई, बेटे को न्यायिक परीक्षा में मिली 157 रैंक

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों प्रयागराज निवासी अहद अहमद पर वायरल हो रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में PCS J यानी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। आप सोच रहे होंगे कि नतीजे तो काफी पहले जारी हो गए लेकिन अब अहद क्यों सुर्खियों में हैं। आपको जानकारी हैरानी होगी कि अहद अहमद कभी अपने पिता की दुकान में साइकिल का पंचर बनाते थे। उन्होंने जज बनकर देश के लाखों युवाओं के सामने उदाहरण पेश किया है। असद का परिवार प्रयागराज जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूरी पर बरई हरख गांव में रहता है। उनके पिता का नाम शहजाद अहमद और मां का नाम अफसाना और तीन बच्चों के साथ रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक, अहद अहमद को पहले ही प्रयास में कामयाबी मिली है। उन्होंने इस परीक्षा के लिए उन्होंने किसी भी प्रकार की कोई कोचिंग नहीं ली और खुद पढ़कर ये परीक्षा पास की है। असद को पढ़ाने के लिए उनकी मां ने अहम योगदान दिया। घर की हालात अच्छी नहीं थी। उन्हें लगा कि केवल असद के पिता के कमाने से घर की जरूरते और बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाएगी तो उन्होंने सिलाई का काम शुरू कर दिया। प्रयागराज में असद के पिता ने 1985 के आस-पास खोली थी।

असद ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद बीए-एलएलबी किया। इसके बाद वो घर चले गए। वो कभी-कभी इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने जाते थे। घर से जाने के लिए रोज 100 रुपए मिलते थे। कोरोना काल में कोर्ट बंद हो गया और असद भी अपने करियर को लेकर चिंतित होने लगे। ऐसे में उन्होंने घर पर ही रहकर पीसीएस-जे की तैयारी करने का फैसला किया। उनके पास कोचिंग के पास नहीं थे तो उन्होंने घर रहकर की तैयारी की। असद ने प्री परीक्षा सेल्फ स्टडी के जरिए उत्तीर्ण की है। हालांकि मेंस के लिए कुछ कोचिंग वो गए। 30 अगस्त को नतीजे जारी हुए और असद ने 157वीं रैंक हासिल की है। अहद ने बताया कि, उनके माता-पिता ने कई मुश्किलों का सामने करते हुए उन्हें पढ़ाया है। उन्होंने ये भी बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा ईमानदारी से काम करने की सीख दी है जिसे वो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट में वह तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से काफी प्रभावित हुए और कोरोना काल में ही पीसीएस जे की तैयारी शुरू कर दी। अहिद अहमद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को अपना आदर्श मानते हैं और उनसे काफी प्रभावित हैं। अहद का कहना है कि उनके माता-पिता ने न केवल उन्हें गरीबी और संघर्ष में पाल-पोसकर इस मुकाम तक पहुंचाया है, बल्कि हमेशा उन्हें ईमानदारी और नेक इरादों के साथ कम काम करने की सलाह दी है।

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