हल्द्वानी: हम में से बहुत से लोग अपने अपने गांवों से काम काज या पढ़ाई के सिलसिले में घर से दूर आ कर रहते हैं। जिसके वजह से हम कभी कभी अपने परिवेश और अपने इर्द गिर्द के पहाड़ी पन को भी मिस करते हैं। मगर अब एक बेहतरीन मौका है उत्तराखंड की संस्कृति और बरसों से चली आ रही परंपराओं का स्वाद समेटी हुई वो स्वनिर्मित मिठाईयां खाने का जो आज कल की मिलावटी मिठाईयों से बहुत सेहतमंद और स्वादिष्ट हैं।
यह मिठाई बनाई है पहाड़ के तीन महत्वकांक्षी और मेहनती युवाओं ने। तीन युवाओं ने पहाड़ों के अनोखे और बेहतरीन स्वाद को आम जनों तक पहुंचाने का लक्ष्य साधा है। ” मिठाइयों की समोण ” नामक यह स्टार्टअप बहुत सुर्खियां बटोर रहा है। वोकल फ़ॉर लोकल के तहत यह तीनों युवक खुद रोजगार भी प्राप्त कर रहे हैं और लोगों के घरों तक उत्तराखंड के सांस्कृतिक परिवेश से लबरेज़ पहाड़ी उत्पाद पहुंचा रहे हैं।
इन पहाड़ी उत्पादों में शामिल हैं मशहूर व्यंजन जैसे मडुवे की मठरी, तिल के लड्डू और रोटने का बढ़िया कॉम्बिनेशन। यह युवा माउंटेन विलेज स्टे और माउंटेन फूड कनेक्ट साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। रिंगाल की खूबसूरत सी टोकरी के अंदर पैक होकर पहाड़ों के स्वाद को समेटी यह पारंपरिक मिठाईयां अब आप भी घर बैठे-बैठे मंगवा सकते हैं।
माउंटेन विलेज स्टे के फाउंडर विनय केड़ी और माउंटेन विलेज के एक और फाउंडर अखिलेश डिमरी द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देना और स्वरोजगार के पथ पर अग्रसर हो कर पहाड़ के स्वाद को देश भर में पहुंचाना, यह दर्शाता है कि लोग आत्मनिर्भर बनने के लिए नए और बेहतर विकल्प खोज रहे हैं।
इसी सिलसिले में उनको साथ मिला है माउंटेन फूड कनेक्ट के फाउंडर अरण्य रंजन का। इन तीनों युवकों की की सोच और लोकल फॉर वोकल की मदद से खड़ा किया गया यह स्टार्टअप खासा प्रभावी साबित हो रहा है। सबसे ख़ास बात यह है कि यह स्टार्टअप पूर्ण रूप से स्वदेशी है। इनके द्वारा बेची जा रही मिठाईयां व अन्य उत्पाद गांव की औरतें तैयार करती हैं। जिसके वजह से इन महिलाओं को भी रोजगार के भरपूर मौके मिल रहा है।
इस स्टार्टअप की शुरुआत ईगास के शुभ दिन पर हुई थी, जिसके बाद से ही ये लोगों में लोकप्रिय होना शुरू हो गया है। यह मिठाईयां लोक व्यंजनों और पहाड़ी परिवेश को ध्यान में रखते हुए टिहरी के खाड़ी गांव की महिलाओं द्वारा बिल्कुल ऑर्गेनिक तरह से बनाई जा रही हैं। पहाड़ की इस अनोखी समोण के बारे में माउंटेन विलेज स्टे के फाउंडर अखिलेश डिमरी का कहना है कि पलायन के चलते मेट्रो सिटीज में लोग अधिक व्यस्त होने के कारण पहाड़ के व्यंजनों को याद ही करते रह जाते हैं। मगर इस स्टार्टअप से कोई भी अपने घरों पर स्वनिर्मित व्यंजन मंगवा सकता है।
माउंटेन विलेज स्टे के फाउंडर विनय केड़ी ने बताया कि इस तरह के प्रयासों का ज़्यादा संख्या में होना पहाड़ों की संस्कृति और यहां के युवाओं के लिए अति आवश्यक है। वहीं माउंटेन फूड कनेक्ट के फाउंडर अरण्य रंजन का कहना है कि सभी उत्पाद ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए गए हैं। वाकई में यह बात तो हकीकत है कि पहाड़ी उत्पादों के प्रचार के लिए उत्तराखंड के युवा लगातार आगे आ रहे हैं, ज़रूरत है कि आप और हम भी उनका सहयोग करें।