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उत्तराखंड में दो महिलाओं ने वापिस किया तीलू रौतेली पुरस्कार,सरकार पर लगाए रोजगार छीनने के आरोप

उत्तराखंड: दो महिलाओं ने वापिस किया तीलू रौतेली पुरस्कार, सरकार पर लगाए रोजगार छीनने के आरोप

देहरादून: हाल ही में तीलू रौतेली अवार्ड से सम्मानित की गईं 22 महिलाओं में से दो महिलाओं ने सरकार को अवार्ड लौटा दिया है। दोनों ही महिलाओं ने इसे लौटाते हुए सरकार पर एक तरफ सम्मान देने और दूसरी तरफ रोजगार छीनने के आरोप लगाए हैं।

दरअसल आठ अगस्त को सीएम पुष्कर सिंह धामी व महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने देहरादून में हॉकी स्टार वंदना कटारिया समेत 22 महिलाओं को अच्छे काम करने के लिए तीलू रौतेली अवार्ड दिया था। विकासनगर निवासी गीता मौर्य और सहसपुर निवासी श्यामा देवी ने अवार्ड लौटा दिया है।

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स्वयं सहायता समूहों को संचालित कर उत्कृष्ट कार्य कर रही दोनों ही महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीना जा रहा है। महिलाओं का मानना है कि टेक होम राशन योजना में सरकार द्वारा किए गए बदलाव से उनका उनका रोजगार छीना जा रहा है।

गीता मौर्या को आठ अगस्त 2020 को तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीलू रौतेली अवार्ड से व साल 2018 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी सम्मानित किया था। ये सम्मान महिलाओं को उत्थान और रोजगार के क्षेत्र में काफी अच्छा काम करने पर दिया गया था। अब गीता मौर्या और मंगलवार को मंगलवार को श्यामा देवी ने अपना तीलू रौतेली अवॉर्ड वापस कर दिया है।

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टेक होम राशन योजना को 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुरू किया था। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है।

इस राशन की सप्लाई में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की मदद रहती है। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार द्वारा टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने के बाद सभी स्वयं सहायता समूह का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए सोमवार देर शाम को दोनों महिलाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर अपना सम्मान लौटा दिया।

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