देहरादून: दो अगस्त से राज्य के स्कूलों को खोल दिया है। इस फैसले का विरोध कई जगहों पर हुआ हालांकि सरकार ने कहा कि सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद ये फैसला लिया गया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले कम हुए थे और उसके बाद ही ये फैसला किया गया था। कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का फैसला किया गया था। अगर कोरोना वायरस के मामले दोबारा बढ़ते हैं तो स्कूलों को दोबारा बंद किया जाएगा। बच्चों की हेल्थ के साथ सरकार कोई जोखिम नहीं उठाएगी। बता दें कि दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर अनुमानित है। उत्तराखंड सरकार ने बचाव के लिए सभी तैयारी कर ली है।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई में नुकसान नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही थी। अभी भी ये विकल्प बच्चों को दिया गया है। स्कूल बंद होने से पढ़ाई में फर्क पड़ रहा था और काफी बैठक करने के बाद खोलने का स्कूलों को दोबारा खोलने का फैसला किया गया। सरकार ने एहतियात बरतते हुए तीन चरणों में स्कूल खोलने का निर्णय किया है।
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कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के बाद पहले चरण में केवल शिक्षकों को बुलाया गया। इसके बाद दूसरा चरण दो अगस्त से शुरू हुआ, जिसमें नवीं से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों के बुलाया जा रहा है। तीसरे चरण में 16 से छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को बुलाया जाएगा। सुरक्षा के लिए स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है जो सभी व्यवस्था पर अपनी नजर बनाए रखेंगे।
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