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अल्मोड़ा उत्तराखंड:शहीद दिनेश सिंह को सलाम,दो दिन पहले पिता से किया था वादा

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए,भारतीय सेना के दो ऑफिसर और तीन जवान (एक पुलिस का जवान) शहीद हो गए। इनमें उत्तराखंड अल्मोड़ा के रहने वाले लांस नायक दिनेश सिं भी थे। उनकी उम्र केवल 25 साल थी। उन्हें इसी महीने घर आना था लेकिन लॉकडाउन घोषित होने के बाद वह ड्यूटी पर ही रहे। इस बात का जिक्र उन्होंने अपने पिता से किया था।

जानकारी के मुताबिक शहीद लांस नायक साल 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। वह दिसंबर में घर आए थे। अब मई-जून में उन्हें घर आना था। 2 दिन पहले ही दिनेश की अपने पिता से फोन पर बात हुई थी। दिनेश ने अपने पिता से कहा था कि अभी कोरोना महामारी चल रही है इसलिए अभी घर नही आ सकते। जो जहां है, उसे वहीं रहने को कहा गया है। उन्होंने जल्द घर आने की बात भी कही थी लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि गांव का दिनेश तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। पिता गोधन सिंह और उनकी पत्नी यानि दिनेश की माता तुलसी देवी को बेटे की शहादत ने उन्हें तोड़ दिया है। दिनेश की शादी भी नहीं हुई थी और परिवार बस इसी की तैयारियों में जुटने वाला था। दिनेश घर का एकलौता चिराग थे। उनकी बहन की शादी हो चुकी है। छोटी सी उम्र में दिनेश के चले जाने की खबर से सभी के मन को विचलित किया है।

बीते तीन दिनों के भीतर उत्तराखंड ने अपने तीसरे बेटे को खोया है। दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर में ही पाकिस्तानी गोलाबारी में पिथौरागढ़ जिले के दो बेटे शहीद हुए थे। हम अपने वीर जवानों को नमन करते हैं जो देश की रक्षा के लिए बलिदान देने से पीछे नहीं हटते हैं। दिनेश के पिता गोधन सिंह भी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा के चांदमुल्ला इलाके में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल और मेजर सहित भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गये थे, जिनमें से दिनेश भी एक है। 

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