उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सोमवार को कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था के लिए गाइडलाइन जारी की। गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित उन मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जाएगी, जिनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आएंगे। मरीजों का होम आइसोलेशन कोरोना संक्रमित पाए जाने के 10 दिन के बाद समाप्त होगा। इसमें सबसे जरूरी बात यह होगी कि उसे आखिरी के तीन दिन तक बुखार न आया हो। इसके बाद अगले सात दिन तक मरीज घर पर रहकर अपने स्वास्थ्य को देखेंगे। आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि गर्भवति महिलाओं, 60 साल से अधिक उम्र के लोग, गंभीर बीमारी के मरीजों, और 10 साल से कम साल के बच्चों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस श्रेणी में आने वाले लोग होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं ले सकेंगे।
बता दें कि जिस भी घर में इस श्रेणी में आने वाले लोग रहते हैं, उस घर में भी होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में ही भर्ती होना पड़ेगा। वहीं बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। और उनको ऐसे घर पर आइसोलेशन किया जाएगा, जहां पर पर्याप्त जगह हो। इसके साथ में रहने घर वालों के लिए भी अलग रहने की सुविधा होनी चाहिए। 24 घंटे के लिए एक सहायक साथ में होना चाहिए, जो लगातार अस्पताल को मरीज की पूरी जानकारी देगा। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले, साथ में रहने वाले व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेनी चाहिए। आरोग्य सेतु ऐप का फोन पर होना अनिवार्य है। संक्रमित लगातार अस्पताल और जिला के मेडिकल अधिकारी को अपनी जानकारी देगा। सेल्फ आइसोलेशन के लिए दिया गया फॉर्म भरना अनिवार्य है।