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उत्तराखण्ड पहुंची टाटा की बसों में थी कई खामियां, रिपोर्ट में हुआ साफ

हल्द्वानी: उत्तराखण्ड परिवाहन निगम की नई बसें पिछले कुछ वक्त से सुर्खियों में हैं। बस सड़क पर चलते ही निगम के लिए परेशानी का विषय बन गई है। रोडवेज की नई बसों में लगातार गियर लीवर टूटने के मामले सामने आ रहे हे थे, इसके बाद यह बसे हटा दी गई । अब खबर है कि रोडवेज की 150 नई बसें टाटा कंपनी वापस लेगी। इन बसों में नए डिजाइन के गियर लीवर लगाए जाएंगे और रोड में चलने से पहले सीआईआरटी की टीम दोबारा जांच करेगी।

जानकारी के लिए आपकों बता दें कि रोडवेज प्रबंधन ने इस साल अपने बेड़े में 300 नई बसें खरीदीं थीं। इनमें से 150 बसें टाटा कंपनी से आने के बाद बेड़े में शामिल कर ली गई थीं। यात्रा के दौरान कई बसों के गियर लीवर टूट गए। विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आने लगी तो रोडवेज प्रबंधन ने इन बसों की जांच बैठाते हुए इन्हें सड़क से हटा दिया था। शनिवार को इनकी जांच करने आई सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआईआरटी) की टीम ने 16 बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट रविवार को रोडवेज प्रबंधन को सौंप दी। रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि टाटा कंपनी की बसों के गियर लीवर के डिजाइन समेत इसमें तमाम खामियां मौजूद थीं।

प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान के अनुसार टाटा कंपनी के अधिकारियों से वार्ता कर सभी बसों को जल्द से जल्द लौटा दिया जाए। अब बसों के गियर लीवर का टाटा कंपनी नया डिजाइन बनाएगी। सभी बिंदुओं पर टाटा कंपनी को सुधार करने को कहा जाएगा। इन बिंदुओं पर सीआईआरटी या फिर किसी अन्य एजेंसी के तकनीकी विशेषज्ञों व परिवहन निगम के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम दोबारा जांच करेगी।

नए गियर लीवर को तमाम मानकों पर परखने व गुणवत्ता की सकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद ही इन्हें बसों में लगाएंगे। बसों को लौटाने के लिए परिवहन निगम प्रबंधन की ओर से चालकों की व्यवस्था की जाएगी। आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने भी कहा था कि तकनीकी खामियां पाए जाने पर बसों को कंपनी को लौटा दिया जाएगा।

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