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ये है रोडवेज के कर्मचारी… कंडक्टर ने 16 टिकट नहीं काटे और अधिकारी ने मांगी मोटी रिश्वत

देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज नुकसान में है। कोरोना वायरस के बाद आर्थिक बोझ बढ़ा और नुकसान भी बढ़ा है। विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं लेकिन विभाग के कर्मचारी ही लालच के चलते उसे नुकसान पहुंचाते हैं। कभी ईधन चोरी का मामला सामने आता है तो तभी यात्री से पैसे लेकर टिकट नहीं देने का…

अब रोडवेज ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। बसों में बिना टिकट यात्रा कराने के मामले में दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं एक कंडक्टर की जांच की जा रही है और पकड़े जाने के बाद एक्शन लिया जाना तय माना जा रहा है।

कंडक्टर नवीन सिंह परिवहन निगम की पर्वतीय डिपो की बस यूके07 पीए 4266 में सेवा दे रहा था। यातायात निरीक्षक विशाल चंद्रा, सहायक यातायात निरीक्षक महेंद्र सिंह, बलिराम ने चेक किया। चेकिंग में पता चला कि बस में एक बच्चे सहित 49 यात्री सवार थे, लेकिन  33 का ही टिकट काटा था। कंडक्टर ने करीब 3300 रुपये डकार लिया। इस मामले में ड्राइवर टीकाराम की भी मिलीभगत थी या नहीं… इसकी भी जांच चल रही है।

रोडवेज की काशीपुर डिपो की बस यूके07 पीए 1087 में पांच यात्री बिना टिकट मिले। प्रवर्तन दल ने टिकट मशीन को कब्जे में लिया। कंडक्टर राजेंद्र सिंह का आरोप है कि मशीन छोड़ने के बदले में यातायात अधीक्षक व सहायक निरीक्षक ने उससे 15 हजार रुपये नकद रिश्वत के रूप में लिए ऐऔर 50 हजार रुपए की डिमांड भी रखी। तीन यात्रियों का ब्योरा दर्ज नहीं किया गया, केवल दो का दर्ज हुआ।

इसके बाद बस आगे चलकर दूसरे अधिकारी ने रोकी तो उन्होंने बाकी तीन यात्रियों का ब्योरा भी दर्ज कर लिया। कंडक्टर ने यातायात निरीक्षक व सहायक निरीक्षक पर घूस मांगने का आरोप लगाया। इसके बाद निगम ने इस मामले में जांच बैठा दी है। इन मामलों में कंडक्टरों को ऑफ ड्यूटी कर दिया गया है और रिश्वत लेने के आरोप में दो अधियारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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