हल्द्वानी: क्रिकेट खेल रहे है प्रत्येक खिलाड़ी में एक खूबी होती है। कोई अपने तरीके से खेलता है तो कोई जिम्मेदारी के साथ अपने गेम को आगे बढ़ाता है। कोई ऐसा होता है जो जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ने के साथ निखरकर सामने आता हो। हल्द्वानी आवास विकास निवासी व हल्द्वानी क्रिकेटर्स क्लब के सौरभ रावत ने विजय हजारे सीजन 2018/2019 में अपनी पहचान कुछ इसी तरह की बना ली है।
सौरभ टीम के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं। विजय हजारे में खेले गए 6 मैचों की 4 पारियों में सौरभ रावत के खाते में 161 रन हैं। खास बात ये कि उनके ये स्कोर तब आया जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। इसके अलावा उनका स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर रहा है। उत्तराखण्ड टीम के इस अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ने किसी को निराश नहीं किया और हर बार अपनी कला का शानदार नमूना पेश किया है।
पहले मैच में बिहार के खिलाफ शून्य में आउट होने की विफलता को सौरभ ने पीछे छोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। मिजोरम के खिलाफ मैच की बात करें तो करणवीर के शतक के अलावा ऊपरी क्रम के किसी भी बल्लेबाज ने बड़ा स्कोर नहीं बनाया था। टीम का स्कोर 179 पर 6 विकेट था। किसी भी टीम के लिए यह स्थिति डराने वाली ही होगी। सौरभ ने जिम्मेदारी को समझते हुए ना फिर विकेट संभालकर रखा बल्कि तेजी से रन भी बनाए। उनकी 61 रनों की पारी के बदौलत लोअर ऑर्डर के मंयक मिश्रा (41) और दीपक धपोला(18) को अच्छा मूमेंटम मिला और उन्होंने शानदार बल्लेबाजी कर उसका फायदा उठाया।
बता दें कि मिजोरम के खिलाफ उत्तराखण्ड ने निर्धारित 50 ओवर में 321 रन बनाए थे। जवाब में मिजोरम की टीम 153 रन पहले ऑल आउट हो गई।
विजय हजारे का ये सीजन सौरभ को संकटमोचक बनाकर उभरा है। पॉडिचेरी मैच के अलावा नागालैंड के खिलाफ 60 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। यह पारी भी अहम वक्त पर आई थी क्योंकि 205 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम उत्तराखण्ड आधे स्कोर तक पहुंचते हुए आधी टीम खो चुकी थी। वहीं टूर्नामेंट में वैभव भट्ट के चोटिल होने के बाद सौरभ टीम में एकलौते विशेषज्ञ विकेटकीपर हैं। सौरभ के पास रणजी क्रिकेट का अनुभव है और उन्होंने अभी तक उसका शानदार तरीके से फायदा उठाकर टीम मैनेजमेट का भरोसा जीता है। वहीं उत्तराखण्ड टीम शानदार फॉर्म में है और उसने 6 में से 5 मुकाबले जीते हैं।
सौरभ के अच्छे प्रदर्शन ने हल्द्वानी के युवा क्रिकेटर्स खासा खुश हैं। हल्द्वानी क्रिकेटर्स क्लब के कोच दान सिंह भंडारी , दान सिंह कन्याल, इंदर जैठा और महेंद्र सिंह बिष्ट ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सौरभ ने अपनी जिम्मेदारी को एक अनुभवी खिलाड़ी की तरह समझा है। यह केवल एक शुरुआत है और बड़े स्तर पर पहुंचने के लिए उसे लगातार इस तरह खेल दिखाना होगा।