देहरादून: यह तो हम सब जानते ही हैं कि भारत में राष्ट्रीय पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाए जाते हैं। और यदि बात हो स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस की, फिर तो क्या ही कहने! गणतंत्र दिवस परेड पर देश ही नहीं दुनियाभर की नजर रहती है। और हो भी क्यों न..? आखिरकार गणतंत्र दिवस के दिन कर्तव्य पथ की आलौकिक छटा तो देखते ही बनती है। देश भर के विभिन्न प्रांतों की विभिन्न लोक संस्कृति से लेकर सैन्य ताकत का शानदार प्रदर्शन कर्तव्य पथ की शान में चार चांद लगाते हैं। गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई जाने वाली झांकियों का अपना अलग महत्व है। देश भर के विभिन्न राज्यों के बीच बेहतरीन झांकी के प्रदर्शन की होड़ भी बनी रहती है।
ऐसे में इस बार भी उत्तराखंड की तरफ से शानदार झांकी का प्रदर्शन परेड में देखने को मिलेगा। सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की तरफ से प्रस्तावित ‘मानसखंड’ पर आधारित झांकी का चयन केंद्र सरकार की ओर से हो गया है। मानसखंड आधारित इस झांकी के अगले और बीच के भाग में कॉर्बेट नेशनल पार्क की झलक देखने को मिलेगी। जिसमें विभिन्न जीव जैसे हिरण, बारहसिंघा, घुरल, मोर एवं अन्य पक्षी देखने को मिलेंगे। वहीं पिछले भाग में जागेश्वर मंदिर एवं देवदार के वृक्षों की झलक दिखाई देगी। झांकी में इन सभी के साथ उत्तराखंड की लोक चित्रकला ‘ऐपण’ को भी स्थान मिला है। झांकी की प्रदर्शनी के दौरान छोलिया नृत्य एवं लोक गीतों का भी प्रदर्शन होगा।
झांकियों की सूची में जगह बनाने के लिए राज्य को लंबी चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है। राज्य ने रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख झांकी का 7 बार प्रस्तुतीकरण किया था। उत्तराखंड वासियों के लिए गर्व की बात यह है कि 27 राज्यों ने केंद्र को झांकी के लिए प्रस्ताव भेजे थे जिसमें से 16 राज्यों के ही प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मुहर लगाई है और उसमें से एक राज्य उत्तराखंड भी है। वर्ष 2003 में उत्तराखंड ने पहली बार कर्तव्य पथ पर झांकी का प्रदर्शन किया था। राज्य बनने के पश्चात उत्तराखंड अभी तक 13 बार झांकी प्रदर्शन में सम्मिलित हो चुका है।