नई दिल्लीः होली का त्योहार अपने संग लाता है रंगों की बौछार । होली का त्योहार ही कुछ ऐसा है कि होली का नाम लेते ही गुझिया ,पापड़ तो बाद में याद आते हैं सबसे पहले मन में चित्र बनता है लबालब भरे अबीर गुलाल की थाल का ।परन्तु हम रहते हैं सतरंगी देश भारत में जहाँ का तो नारा ही है भिन्नता में एकता । और यहाँ कुछ ऐसी भी जगह हैं जहाँ रंगों से होली खेलना ही मना है। और इसका अनोखा एँव दिलचस्प कारण जानकर आप हैरान ही रह जाएँगे।
यह थोड़ी अलग पर अनोखी प्रथा है झारखण्ड ,जमशेदपुर के आदिवासी बहुल इलाके की । हर उम्र के लोग अच्छी खासी तादात में बीते रविवार से यहाँ पानी की होली खेली रहें हैं ।
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दरअसल, आदिवासी समाज में मान्यता है कि अगर कोई लड़का या लड़की रंग की होली खेलते हैं और एक दूसरे पर रंग डालते है ,तो आपस में शादी करनी पड़ती है। ये प्रथा सदियों से समुदाय में प्रचलित है। तो अपनी इसी प्रथा को कायम रखते हुए ही यहाँ सभी रंगों की जगह पानी से होली मनाते हैं । और पूरे ढोल -बाजे के साथ बिना किसी विरोध के अपना आदिवासी पहनावा पहनकर सभी लोग ,युवा लड़का -लड़की भी एक दूसरे पर पानी से होली खेलते हैं ।