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होम्योपैथिक इलाज से दूर होगा पथरी का अहसाह दर्द

हल्द्वानी: आजकल खाने पीने की ग़लत आदतें, बिन रूटीन की जीवनशैली, खराब पानी और वायु प्रदूषण के कारण किडनी रोग बढ़ने लगे हैं। जिसके लिए डॉक्टर कई बार डायलिसिस करवाने की बात कहते है और रोग गंभीर जाए तो किडनी दान लेने की नौबत भी आ जाती है। हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि  हमारे शरीर में गुर्दे का ठीक रहना बहुत जरूरी है। वह  ख़ून को साफ़ करना काम करते है जिससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। ऐसा होने की वजह से ही हम स्वस्थ रहते हैं। किडनी के ठीक से काम करने के कारण उसमें इंफ़ेक्शन हो जाता है, जिससे दूसरी बीमारियाँ भी घर कर सकती हैं। गुर्दे की पथरी का दर्द असहनीय होता है। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह रोग पीड़ा देने के साथ-साथ और भी बहुत सारी परेशानियों को न्यौता देता है।

किडनी स्टोन हमारे ही गलत खान-पान का नतीजा है। पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैल्शियम का होना है जब नमक एवं अन्य खनिज (जो आपके मूत्र में मौजूद होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है तो पथरी का निर्माण होने लगता है, जिसे किडनी स्टोन कहा जाता है।पथरी का आकार अलग-अलग हो सकता है। कुछ तो रेत के दानें की तरह बहुत छोटी तो कुछ मटर के दाने से भी बड़ी हो सकती है। वैसे तो छोटी पथरी को दवाइयों और देसी नुस्खों की मदद से मूत्र राही बाहर निकाला जाता है लेकिन आकार में बड़ी पथरी मूत्र द्वारा बाहर नहीं निकल पाती, जिससे कई बार मूत्र भी रुक जाता है जो काफी कष्टदायी होता है।

किडनी स्टोन की होम्योपैथिक दवाएं

  • Calc.Renal 6 (2-2 बूंदे दिन में तीन बार)
  • Berberi Is Vulgaris Q (15-20 बूंदे दिन में चार बार पानी के साथ)
  • Clear Stone (20-20 बूंदे दिन में तीन बार पानी के साथ)
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